#Balakot: जैश-ए-मोहम्मद का दावा, युसूफ़ अज़हर सहित कोई मौत नहीं

BBC Hindi

बुधवार, 27 फ़रवरी 2019 (12:05 IST)
- रहीमुल्ला यूसुफ़ज़ई (वरिष्ठ पत्रकार, पेशावर से)
 
भारत का कहना है कि उसकी वायुसेना ने नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। भारतीय लड़ाकू विमानों के नियंत्रण रेखा को पार किया, इसकी सूचना पहले पाकिस्तान ने ही दी।
 
पाकिस्तानी आर्मी के प्रवक्ता आसिफ़ गफ़ूर ने ट्वीट कर कहा कि भारत के लड़ाकू विमान मुज़फ़्फ़राबाद सेक्टर के भीतर तीन से चार किलोमीटर भीतर घुस आए थे लेकिन पाकिस्तान के तत्काल जवाबी कार्रवाई के बाद उन्हें पीछे हटना पड़ा।
 
भारत का दावा है कि उसके हमले में जैश-ए-मोहम्मद के तीन सौ चरमपंथी मारे गए। भारतीय मीडिया में दावा किया जा रहा है कि मारे गए चरमपंथियों में जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अज़हर के बहनोई शामिल हैं।
 
लेकिन जैश-ए-मोहम्मद के सूत्रों ने बताया कि बालाकोट में जब भारतीय लड़ाकू विमान मिराज ने हमला किया उस वक्त यूसुफ़ अज़हर वहां मौजूद नहीं थे। यूसुफ अज़हर जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अज़हर के बहनोई हैं। जैश-ए-मोहम्मद के चरमपंथियों के बीच वे गौरी भाई के नाम से भी मशहूर हैं।
 
40 साल के अज़हर की शादी मसूद अज़हर की छोटी बहन से हुई है। मसूद अज़हर की तरह युसूफ अज़हर, पंजाब प्रांत के बहावलपुर के ही हैं। युसूफ़ अज़हर जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय सदस्य हैं और चरमपंथी संगठन की विचारधारा और लक्ष्य के प्रति उनकी निष्ठा रही है।
 
युसूफ़ अज़हर उनका कोड नाम है और इस नाम के से उनकी मसूद अज़हर से निकटता ज़ाहिर होती है। उनका वास्तविक नाम लोगों को पता नहीं है। इन सूत्रों ने ये भी दावा किया है कि युसूफ़ अज़हर पूरी तरह सुरक्षित हैं। इन लोगों के मुताबिक हमले में जैश-ए-मोहम्मद का कोई चरमपंथी हताहत नहीं हुआ है। इन लोगों के दावों पर यक़ीन करें तो इस इलाक़े में इन दिनों कोई ट्रेनिंग कैंप काम नहीं कर रहा है।
 
क्या है बालाकोट का हाल
भारतीय विध्वंसक विमानों ने जिस जगह हमला किया है, उसे जाबा कहते हैं। यह मानशेरा शहर और बालाकोट के बीच स्थित है। जाबा अपने भेड़ पालन उद्योग के लिए मशहूर है। यह एक बड़ा सा गांव है। इसलिए हमले के बाद गांव वाले उस जगह पहुंच गए जहां भारतीय विमानों ने पेलोड गिराए थे।
 
इन ग्रामीणों को हमले की जगह पर ना तो किसी का शव मिला और ना ही कोई घायल ही मिला। ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक एक मकान जरूर क्षतिग्रस्त हुआ है लेकिन वहां भी कोई घायल नहीं मिला। जाबा बटरासी के नज़दीक है, बटरासी के वन्य क्षेत्र में पाकिस्तान का स्काउट कैडेट कॉलेज स्थित है, लेकिन उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
 
जाबा और मानशेरा पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से सटा हुआ इलाका है। यहां से सीधी सड़क पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर की राजधानी मुजफ़्फराबाद तक जाती है। ये वही इलाका है जो अक्टूबर, 2005 के भूकंप से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ था।
 
मानशेरा पाकिस्तान के ख़ैबरपख़्तूनख़्वाह प्रांत में है और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से बाहर है। इससे ये भी साफ़ है कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के दायरे को पार किया है, ना कि लाइन ऑफ़ कंट्रोल को पार किया है। भारतीय विमान चाकोटी बॉर्डर के इलाके से लाइन ऑफ़ कंट्रोल के साथ आए और मानशेरा के बालाकोट की तरफ़ बढ़ गए। मानशेरा से सटा हुआ ख़ैबरपख़्तूनख़्वाह का एक और शहर है एबाटाबाद।
 
पुलवामा हमले से भी इनकार
जैश-ए-मोहम्मद के सूत्रों ने ये भी बताया है कि वे जब भी कोई हमला करते हैं तो उसकी ज़िम्मेदारी लेते रहे हैं चाहे वो हमला भारत प्रशासित कश्मीर में ही क्यों ना किया गया हो। लेकिन संगठन के सूत्रों के मुताबिक इस बार पुलवामा में हुए हमले की ज़िम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने नहीं ली है।
 
इन सूत्रों के मुताबिक पुलवामा हमले के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने जो अपना पहले से रिकॉर्डेड वीडियो मैसेज जारी किया था उसमें उसने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने की बात कही थी। जैश-ए-मोहम्मद के सूत्रों के मुताबिक वो लोग आदिल डार को नहीं जानते हैं और उसके वीडियो के दावे से वो लोग खुद सकते में आ गए थे।
 
जैश-ए-मोहम्मद के सूत्रों ने भारत के हवाई हमले में कैंपों को नष्ट करने के दावे किए जा रहे हैं वो भारत का ही प्रोपगैंडा है क्योंकि इलाके में ऐसा कोई कैंप स्थित नहीं है। हालांकि पाकिस्तान ने, पंजाब प्रांत की सरकार जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी मस्जिद सुभानअल्लाह और जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपूर स्थित मुख्यालय मरकज़ उस्मान अली को अपने नियंत्रण में ले लिया है।
 
पुलिस ने इन दोनों जगहों पर चलने वाले दो मदरसों को भी सील कर दिया है। इनमें एक मदरसा जूनियर स्कूली छात्रों के लिए है जबकि दूसरा मदरसा सीनियर छात्रों के लिए है।

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