Corona virus : प्राइवेट लैब में करा सकेंगे टेस्ट लेकिन कुछ शर्तें भी हैं

BBC Hindi

बुधवार, 25 मार्च 2020 (10:22 IST)
गुरप्रीत सैनी (बीबीसी संवाददाता)
 
भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि भारत में संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए जितनी टेस्टिंग होनी चाहिए, उतनी नहीं हो रही है।
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इस बात को ख़ारिज करते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव कह चुके हैं कि देश में पर्याप्त टेस्टिंग हो रही है और भारत हर दिन 10 हज़ार टेस्ट करने में सक्षम है। आईसीएमआर के मुताबिक़ 24 मार्च सुबह 10 बजे तक 20,864 सैंपल टेस्ट किए गए।
 
डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव के मुताबिक़ फ्रांस ने 1 हफ़्ते में 10 हज़ार टेस्ट किए, ब्रिटेन ने 16 हज़ार, अमेरिका ने 26 हज़ार, जर्मनी ने 42 हज़ार, इटली ने 52 हज़ार और साउथ कोरिया ने 80 हज़ार। उन्होंने बताया कि फ़िलहाल भारत 1 हफ़्ते में 50 से 70 हज़ार टेस्ट करने में सक्षम है और प्राइवेट लैब की मदद से इस क्षमता को बढ़ाया भी जा सकता है।
भारत में प्राइवेट लैब्स को टेस्टिंग की मंज़ूरी दी जा चुकी है। आईसीएमआर के डॉ. रमन ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मंगलवार को 22 लैब चेन को मंज़ूरी दी गई है। इन लैब्स के देशभर में कुल साढ़े 15 हज़ार कलेक्शन सेंटर हैं। लेकिन डॉ. रमन ने लोगों से अपील की है कि ख़ुद जाकर प्राइवेट लैब में टेस्ट न कराएं। डॉक्टर की सलाह पर ही टेस्ट कराएं।
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लालपैथ लैब ने शुरू की टेस्टिंग
 
डॉ. लाल पैथ लैब्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अरविंद लाल ने बीबीसी को बताया कि लाल पैथ लैब्स में कोविड-19 की टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है। इस टेस्ट की क़ीमत 4,500 रुपए होगी जिसमें स्क्रीनिंग और कंफर्मेशन टेस्ट शामिल है। टेस्ट कराने के लिए डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन और फ़ॉर्म 44 (जो वो देंगे) और पहचान पत्र की ज़रूरत होगी।
 
आईसीएमआर ने प्राइवेट लैब्स के लिए टेस्टिंग की जो गाइडलाइंस जारी की हैं, उनके मुताबिक़ प्राइवेट लैब्स कोरोना की जांच के लिए 4,500 रुपए से ज़्यादा नहीं ले सकतीं। आईसीएमआर के मुताबिक़ कोरोना से संक्रमित संदिग्‍ध मामलों में प्राइवेट लैब स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट के लिए अधिकतम 1,500 रुपए ले सकते हैं और कंफर्मेशन टेस्‍ट के लिए अतिरिक्‍त 3,000 रुपए लेने की इजाज़त दी गई है। आईसीएमआर ने निजी लैब से अपील भी की है कि हो सके तो वो मुफ़्त में या सब्सिडी पर कोरोना का टेस्ट करें।
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वहीं दिल्ली की डॉ. डांग्स लैब के संस्थापक नवीन डांग ने बीबीसी से कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरा तैयार है। मैन पॉवर तैयार है। सब लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। बायोसेफ्टी लेबर अप्रूव है। पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट तैयार है। रिपोर्ट का फॉर्मेट तैयार है। हम सिर्फ़ सरकार द्वारा अप्रूव्ड टेस्टिंग किट्स का इतंज़ार कर रहे हैं। हमें अभी टेस्टिंग किट्स नहीं मिली हैं। सरकार 3 किट्स अप्रूव कर चुकी है। उसके लिए हमने ऑर्डर कर दिया है। जैसे ही किट आएंगी, हम दूसरे दिन काम शुरू कर देंगे।
 
आईसीएमआर के डॉ. रमन ने प्रेस वार्ता में बताया कि किट्स बनाने वाले मैन्युफैक्चर्स का भी वैलिडेशन शुरू कर दिया गया है। उनके मुताबिक 15 किट मैन्युफैक्चरर्स के किट की जांच हो चुकी है। उनमें से 3 किट को अप्रूव कर दिया गया है। गर्व की बात यह है कि इनमें से एक देसी मैन्युफैक्चरर है। ऐसा लगता है कि आगे चलकर किट्स का शॉर्टेज हमें देखना नहीं पड़ेगा।
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वहीं गुजरात के अहमदाबाद स्थित यूनीपैथ स्पेशियलिटी लैबोरेटरी के हेड ऑफ़ ऑपरेशंस डॉ. नितिन गोस्वामी ने बीबीसी से कहा कि टेस्टिंग के लिए हमें अभी-अभी इजाज़त मिली है। अभी हम आईसीएमआर की कोविड-19 की टेस्टिंग को लेकर गाइडलाइंस को फॉलो कर रहे हैं। उनकी रिक्वायरमेंट और एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर के मुताबिक तैयारी कर रहे हैं।
नितिन बताते हैं कि वे अपने कर्मचारियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रहे हैं। उनके मुताबिक उनकी लैब में कुछ वक्त में ही टेस्टिंग शुरू हो जाएगी और तैयारी पूरी होने पर घोषणा की जाएगी। इस पर यूनीपैथ लैब के नितिन गोस्वामी ने कहा कि जहां तक टेस्ट की कीमत का मामला है, उस पर हम सरकारी अधिकारियों के संपर्क में रहकर भारत सरकार और गुजरात सरकार की गाइडलाइंस को फॉलो करेंगे। जो वो तय करेंगे, हम वही करेंगे।
 
निजी लैब से कौन टेस्ट करा सकता है?
 
गाइडलाइंस के मुताबिक़ अगर आपको बुख़ार आ रहा है और खांसी या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो आपको नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र जाना होगा। वहां डॉक्टर तय करेंगे कि आपको नोवेल कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) का टेस्ट कराना चाहिए या नहीं?
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तो क्या टेस्ट के लिए क्या डॉक्यूमेंट चाहिए होंगे?
 
फ़ॉर्म 44 (कोविड-19), जिसे डॉक्टर ने पूरा भरा हो और हस्ताक्षर किए हों, स्टैम्प लगाया हो। साथ ही रेफ़र करने वाले डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन भी ज़रूरी है। सैम्पल लिए जाने के वक्त संभावित मरीज़ का सरकारी पहचान पत्र (आधार कार्ड/ वोटर आईडी/ पासपोर्ट) और फ़ोन नंबर देना होगा। इन दस्तावेज़ों के बिना टेस्ट नहीं कराया जा सकता।
 
टेस्ट के लिए बुकिंग कैसे कर सकते हैं?
 
सरकार ने टेस्ट के लिए जिन लैब्स को मंज़ूरी दी है, उनमें से किसी एक की वेबसाइट पर जाकर या उसके मोबाइल ऐप के ज़रिए ख़ुद को रजिस्टर कर सकते हैं और ऑनलाइन घर से कलेक्शन का स्लॉट बुक कर सकते हैं या उनके कस्टमर केयर नंबर पर फ़ोन कर सकते हैं।
 
आपके फ़ॉर्म 44 और प्रिस्क्रिप्शन की पुष्टि करने के बाद लैब वाले सैंपल पिकअप को री-कंफर्म करेंगे। टेस्ट बुक करने के लिए आपको लैब पर बिलकुल नहीं जाना है। ऑनलाइन ही बुकिंग कीजिए और सैंपल आपके घर पर ही आकर लिया जाएगा। सैंपल लेने के लिए आने वाला व्यक्ति पूरी तरह प्रशिक्षित होगा।
 
अंत में सवाल यह है कि टेस्ट रिपोर्ट सरकार तक कैसे पहुंचेगी? भारत सरकार/आईसीएमआर की गाइडलाइंस के मुताबिक़ लैब वाले ही सारे मरीज़ों की रिपोर्ट तय सरकारी संस्थाओं तक पहुंचाएंगे।

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