कीनिया के जिन इलाकों में तारें तक नहीं टीवी पहुंचा रहा बिजली

शनिवार, 28 जनवरी 2017 (12:38 IST)
- गैब्रिएला मुलीगन (टेक्नॉलॉजी ऑफ बिज़नेस रिपोर्टर) 
 
स्टेनली गिकॉन्यो का कहना है कि सैटेलाइट टीवी ने उनकी ज़िंदगी को बदल कर रख दिया है। अब वे खुद को पूरी दुनिया से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। मध्य कीनिया के मवीया में रहने वाले स्टेनली की जिंदगी पहले ऐसी नहीं थी।
दो बच्चों और अपनी बीवी के साथ इस इलाके में रह रहे स्टेनली के घर में बिजली नहीं थी। अब आप सोच रहे होंगे कि जब बिजली ही नहीं है तो आखिर सैटेलाइट टीवी फिर चल कैसे रहा है? दरअसल, स्टेनली के घर में बिजली का मुख्य स्रोत ये टीवी ही है। इस नए टीवी सर्विस को ऊर्जा दरअसल सूरज से मिलती है।
 
स्टेनली का परिवार उन परिवारों में से एक है जिन्होंने अज़ूरी टीवी की शुरुआत में ही सेवाएं ली हैं। ये टीवी सैटेलाइट सौर ऊर्जा से चलता है और उनका परिवार 50 चैनलों का आनंद ले सकता है। स्टेनली का कहना है कि इस सैटेलाइट टीवी ने उनकी ज़िंदगी को आसान बना दिया है और इतना ही नहीं कृषि व्यापार के लिए दरवाज़े भी खोले हैं।
 
उनका कहना था कि अज़ूरी टीवी से बहुत मदद मिल रही है। मैं अपने पसंदीदा चैनल देख सकता हूं खासतौर पर शांबा शेप अप जिससे मुझे कृषि क्षेत्र में नई जानकारी मिल रही है। स्टेनली अपने छोटे से खेत में सब्जियां उगाते हैं और मुर्गी पालन करते है। और वे कीनिया में उन 69 प्रतिशत लोगों में से एक थे जिनके पास टीवी नहीं है।
लेकिन दिसंबर में ब्रिटेन की सोलर कंपनी अज़ूरी टेक्नोलॉजी और कीनिया सैटेलाइट सेवा देने वाले जूकु ने मिलकर ये सेवा शुरू की है। इसके ज़रिए उपभोक्ता के घर की छत पर सोलर पैनल लगाया जाता है और ये बैटरी से जुड़ा होता है। इस बैटरी की मदद से बिजली के दूसरे उपकरण भी चलते हैं।
 
कीनिया में सौर ऊर्जा के उत्पाद यूँ तो कई दिनों से मौजूद हैं और कई ग्रामीण इलाकों में फ्री टू एयर टीवी स्टेशन अपनी सेवाएं भी दे रहे हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जहां बिजली ही न पहुंची हो वहां लोग सैटेलाइट चैनल देख पा रहे हैं।

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