बच्चों की मौत का कारण : माइट्रोकॉन्ड्रिया से जुड़ी बीमारियों की वजह से मरीज़ में इतनी उर्जा ही नहीं रहती कि उसका दिल धड़कता रह सके। हर साल इस कारण कई बच्चों की मौत हो जाती है। ये बीमारी मां से ही बच्चों में जाती है। अब नई तकनीक के ज़रिए बच्चा पैदा करने के लिए पिता के शुक्राणु, माँ के अंडाणु और दानदाता के अंडाणु का इस्तेमाल होगा। इस प्रक्रिया का मकसद दानदाता से स्वस्थ माइट्रोकॉन्ड्रिया लेना है।
नैतिक है प्रक्रिया : चूंकि माइट्रोकॉन्ड्रिया का भी अपना डीएनए होता है। इसलिए नई तकनीक से जो बच्चा पैदा होगा उसमें दानदाता का भी थोड़ा डीएनए आएगा। लेकिन ये प्रक्रिया क़ानूनी होगी। कहा जा रहा है कि इसमें कोई नैतिक समस्या नहीं है। लेकिन ब्रिटेन में इसके लिए हर क्लिनिक और मरीज़ के लिए नियामक की अनुमति लेनी होगी।