एफआईआर के मुताबिक, इसके बाद तीन कमांडों उतरकर राम रहीम की गाड़ी का गेट खोलकर उन्हें निकालने लगे और बाकी के चार कमांडों ने पुलिसकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने के लिए कहा। एक कमांडो ने कहा, "पिताजी को जाने नहीं देंगे। अपनी गाड़ी चलाओ और इन पुलिसवालों को कुचल डालो।"
बाल-बाल बचे सुरक्षाकर्मी
आरोप है कि इसके बाद कमांडोज़ ने राम रहीम को ले जा रहे सुरक्षाकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने की भी कई बार कोशिश की लेकिन सुरक्षाकर्मी बाल-बाल बच गए। बाद में पुलिसकर्मियों ने कमांडों पर काबू पाकर उन्हें पकड़ लिया। गाड़ी की तलाशी लेने पर उसके अंदर से एक ऑटोमैटिक मशीनगन, एक माउज़र और कई ज़िंदा कारतूस बरामद किए गए।
पुलिस ने इस मामले में 7 कमांडो को गिरफ़्तार कर लिया है। इनमें हिसार के ईएसआई कृष्ण दास, कैथल के हेड कॉन्स्टेबल अजय, सिरसा के ईएचसी राम सिंह और विजय सिंह, हिसार के कॉन्स्टेबल बलवान सिंह, प्रीतम सिंह और खुशबीर सिंह पर मामला दर्ज किया है। इनमें से 5 कमांडो हरियाणा पुलिस के जवान हैं और अधिकतर 8 से 12 साल से डेरा प्रमुख की सुरक्षा में लगे हुए थे।
पूर्व नियोजित थी बाबा के भक्तों की हिंसा
वहीं, पुलिस का कहना है कि बीते शुक्रवार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम को दोषी क़रार दिए जाने के बाद हुई हिंसा पूर्व नियोजित थी।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का मानना है कि पंजाब के बठिण्डा में हिंसा शुरू करने के लिए 'टमाटर तोड़ दो' कोडवर्ड इस्तेमाल किया गया जबकि संगरूर के लिए कोडवर्ड था 'सब्जी तैयार है, वर्ताउनी है।' पंजाब पुलिस ने हिंसा करने की पूर्व नियोजित योजना का पर्दाफ़ाश करने का दावा किया है।