ओसामा बिन लादेन की पत्नी अमाल ने बताई उस रात की पूरी कहानी

Webdunia
शुक्रवार, 26 मई 2017 (14:31 IST)
एक मई, 2011 की रात अमेरिकी सैनिकों ने चरमपंथी संगठन अल कायदा के तत्कालीन प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मारा था। अमेरिकी सैनिकों के इस ऑपरेशन की कहानी कई बार कही जा चुकी है, लेकिन पहली बार लादेन की चौथी पत्नी अमाल ने उस रात के बारे में बताया है।
 
अमाल ने स्कॉट-क्लार्क और एड्रिन लेवी से उनकी किताब 'द एग्जाइल: द फ्लाइट ऑफ़ ओसामा बिन लादेन अबाउट द लास्ट फ्यू मिनट्स ऑफ 9/11 मास्टरमाइंड्स लाइफ' के लिए बात की है। इस किताब का एक अंश संडे टाइम्स यूके ने छापा है।
 
रात का खाना खाने और प्लेट साफ़ करने के बाद लादेन परिवार ने नमाज़ पढ़ी थी। इसके बाद लादेन अपनी पत्नी के साथ ऊपरी मंजिल पर बेडरूम में चले गए थे। एक मई, 2011 की रात 11 बजे अलक़ायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन गहरी नींद में जा चुके थे।
 
पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा के इस गोपनीय घर में अचानक से बिजली चली गई। पूरा घर अंधेरे में डूब गया। पाकिस्तान में बिजली का जाना सामान्य सी बात है। ऐसे में किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। आधी रात को अचानक अमाल की नींद खुली। उन्होंने कुछ सुना था। अमाल के ललाट पर चिंता की लकीरें खींच गई थीं। अमाल को लगा कि कोई ऊपर चढ़ रहा है।
 
अमाल को लगा कि कोई खिड़की से होकर गुजर रहा है क्योंकि उसकी छाया दिखी थी। गड़गड़हट की तरह आवाज़ आई। आवाज़ अचानक से बढ़ गई। खिड़की से हवा घुमावदार महसूस हो रही थी। अमाल ने बताया कि लादेन अचानक से बिस्तर पर उठकर बैठ गए। उनके चेहरे पर डर साफ़ झलक रहा था। अमाल ने बताया कि लादेन ने उन्हें पकड़ लिया।
 
अमाल ने कहा, ''हमें ऊपर कोई घूमती हुई चीज़ हिंसक रूप में दिख रही थी। इसे देख दोनों वहां से उछलकर भागे। अचानक से घर की दीवारें थरथरा उठीं।'' अमाल ने बताया, ''वे बालकनी के दरवाज़े से अंधेरे में अंदर की तरफ़ आ रहे थे। अमेरिका का एक ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर हमें घर के पास दिख रहा था। कुछ देर बाद एक और हेलिकॉप्टर पहुंचा। इसके बाद अमेरिकी सेना की यह स्पेशल टीम साथ हो गई। ये दूसरे फ्लोर के बेडरूम में पहुंच चुके थे।''
 
अमाल को लगा कि ज़रूर किसी ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। ओसामा बिन लादेन के जीवन के आख़िरी मिनट की बातें अमाल ने किताब को दिए इंटरव्यू में बताई हैं। वर्षों से इस घर में लादेन का परिवार बंद रहा है।
 
ओसामा ने अपनी बीवियों को बच्चों के साथ नीचे जाने को कहा था। उन्होंने यह भी कहा था कि वो मुझे मारना चाहते हैं तुम लोगों को नहीं। हालांकि अमाल ने अपने बेटे हुसैन के साथ ओसामा के पास ही रहने का आग्रह किया था।
 
अमाल ने बताया, ''हेलिकॉप्टर की आवाज़ के कारण उनकी नींद खुल गई थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका आ गया है। एक ज़ोरदार आवाज़ आई और घर बुरी तरह से हिल गया था। हम दोनों एक-दूसरे को पकड़ बालकनी में छिप गए थे। वह रात बिना चांद वाली थी इसलिए कुछ भी नहीं दिख रहा था। अमेरिकी सैनिक हमारे घर की तरफ़ पहुंच चुके थे। सेहम और ख़ालिद अमेरीकियों को पास आते देख रहे थे।''
 
अमाल ने कहा है कि किसी ने उनके घर के बारे में सब कुछ बताया था। अमाल ने बताया, ''यह साफ़ है कि किसी ने हमारे साथ धोखा किया था। उन्हें इस तरह के हमले की बिल्कुल आशंका नहीं थी। इस दौरान ओसामा ने ख़ालिद को बुलाया। उसने एक-47 उठा ली। हालांकि अमाल को पता था कि ख़ालिद बंदूक नहीं चला सकता है कि क्योंकि वह तब 13 साल का ही था। बच्चे रो रहे थे और अमाल उन्हें दिलासा दे रही थीं। अमेरिकी सैनिक टॉप फ्लोर पर पहुंच चुके थे। उसके बाद सब कुछ ख़त्म होते देर नहीं लगी।
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