पंजाब चुनाव: पिता की सियासी विरासत को आगे बढ़ाती ये तीन बेटियां

BBC Hindi

गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022 (07:52 IST)
अनुराग कुमार, बीबीसी संवाददाता
पंजाब की 117 विधानसभा सीटों पर 20 फ़रवरी को वोट डाले जाने हैं। ऐसे में तमाम राजनीतिक दल जोर शोर से प्रचार में जुटे हैं। हालांकि बड़े नेताओं को कुछ ही दिनों में पूरे राज्य में घूमकर लोगों से संवाद करना होता है तो उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करने का ज़्यादा मौक़ा नहीं मिल पा रहा।
 
इस बार के चुनाव में कुछ बड़े नेताओं की इस उलझन को उनके बच्चे सुलझाने में जुट गए हैं। राज्य के कम से कम तीन नेताओं के साथ तो यही हो रहा है। इसलिए पंजाब के इस विधानसभा चुनाव में तीन बेटियों की ख़ूब चर्चा हो रही है। इन्होंने अपने पिता के दूसरी जगहों पर व्यस्त होने की वजह से चुनावी मैदान में उतरकर प्रचार की कमान संभाल ली है।
 
यहां बात हो रही है अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता, नवजोत सिंह सिद्धू की बेटी राबिया और सुखबीर सिंह बादल की बेटी हरकीरत की। ये तीनों इन दिनों अपनी-अपनी पार्टियों के लिए जनता से वोट मांगती नज़र आ रही हैं।
 
प्रचार में उतरीं केजरीवाल की बेटी हर्षिता
सबसे पहले बात करते हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता की। 11 फ़रवरी को हर्षिता अपनी मां सुनीता केजरीवाल के साथ चुनाव प्रचार करने पंजाब पहुंचीं।
 
उन्होंने आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान के लिए वोट मांगा। मान संगरूर की धुरी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। हर्षिता फ़रवरी 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी 'आप' के लिए चुनाव प्रचार कर चुकी हैं।
 
हर्षिता के भाषण का लहजा उनके पिता अरविंद केजरीवाल से काफ़ी मिलता-जुलता है। धुरी में महिलाओं की रैली में उन्होंने 'सत् श्री अकाल' नारे के साथ अपना संबोधन शुरू किया। इस कार्यक्रम में भगवंत मान को अपना चाचा बताकर वो पंजाब के लोगों से रिश्ता जोड़ती दिखीं।
 
आईआईटी दिल्ली से ग्रैजुएट हर्षिता ने छात्रों और युवाओं को आम आदमी पार्टी की ओर आकर्षित करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि आप ही एक ऐसी पार्टी है जो छात्रों के हितों के बारे में सोचती है। पिता अरविंद केजरीवाल की तरह ही हर्षिता ने रैली में दावा किया कि आम आदमी पार्टी के कार्यकाल में दिल्ली में स्वास्थ्य और शिक्षा की हालत बेहतर हुई है।
 
हर्षिता के आगे राजनीति में उतरने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। उन्होंने धुरी के कार्यक्रम में कहा कि उनके बहुत से दोस्त रोज़गार के लिए विदेश चले गए, लेकिन उन्होंने पिता से सीखा है कि देश में ही रहकर देश की सेवा करनी चाहिए। इस बयान को उनके राजनीति में आने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
 
परिवार का गढ़ बचाने में जुटीं राबिया सिद्धू
कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू पूरे पंजाब में कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे हैं। सिद्धू ख़ुद अमृतसर विधानसभा सीट से इस बार चुनाव मैदान में हैं। उनका मुक़ाबला अकाली दल के कद्दावर नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया और आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार जगजीत कौर से है।
 
अपनी व्यस्तताओं के चलते नवजोत सिद्धू अमृतसर पूर्व सीट में प्रचार के लिए ज़्यादा वक़्त नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए यहां उनके चुनाव प्रचार की बागडोर उनकी बेटी राबिया के हाथों में हैं।
 
चूंकि ये सीट सिद्धू परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है। इसलिए बेटी राबिया यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि किसी भी क़ीमत पर ये सीट उनके पिता के हाथों से न निकले।
 
26 साल की राबिया पेशे से फ़ैशन डिज़ाइनर हैं। ये पहली बार नहीं है जब राबिया अपनी मां या पिता के लिए प्रचार करने उतरी हों। इससे पहले भी वो उनके लिए वोट मांग चुकी हैं। हालांकि इस बार राबिया पहले से कहीं ज़्यादा आक्रामक तरीक़े से प्रचार कर रही हैं।
 
मीडिया के साथ हाल में हुई एक बातचीत में राबिया सिद्धू ने कहा कि उनके पिता एक बड़ी जंग लड़ रहे हैं और उम्मीद है कि वो इसी तरह पंजाब की बेहतरी के लिए लड़ते रहेंगे। उन्होंने सिद्धू के भावुक होने का भी बचाव करते हुए कहा था कि मेरे पिता पंजाब से काफ़ी जुड़े हैं। इसलिए कई बार वो भावुक हो जाते हैं। आपको बता दें कि राबिया के बड़े भाई करण सिद्धू 31 साल के हैं और पेशे से वकील हैं।
 
जलालाबाद में पिता के लिए वोट मांग रहीं हरकीरत कौर
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की पोती और राज्य के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की बेटी आपने पिता के लिए चुनाव प्रचार कर रही हैं।
 
सुखबीर सिंह बादल को शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया है। सुखबीर बादल जलालाबाद से गठबंधन के उम्मीदवार हैं।
 
सुखबीर बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल के तीन बच्चे हैं। उनकी बड़ी बेटी हरकीरत कौर 25 साल की हैं। दूसरी बेटी गुरलीन कौर बादल 20 साल की और बेटे अनंतबीर सिंह बादल 17 साल के हैं।
 
चूंकि सुखबीर बादल पार्टी और गठबंधन के लिए पूरे पंजाब में प्रचार कर रहे हैं। इसलिए बड़ी बेटी हरकीरत ने जलालाबाद में पिता के चुनाव की कमान संभाल रखी है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस की डिग्री हासिल की है।
 
इसके बाद उन्होंने ब्रिटेन की केंब्रिज यूनिवर्सिटी से मैनेजमैंट की पढ़ाई की है। हरकीरत आगे संयुक्त राष्ट्र में काम करना चाहती हैं।
 
2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने वाली हरकीरत सियासी तौर पर ज्यादा सक्रिय नहीं हैं।
वो ख़ुद को मीडिया से भी दूर रखती हैं। प्रचार के दौरान बादल की बेटी सियासी मुद्दों पर बात नहीं करतीं। वो जनता से केवल अपने पिता के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रही हैं।
 
(संगरूर से सुखचरन प्रीत, अमृतसर से रबिंदर सिंह रॉबिन और जलालाबाद से कुलदीप बराड़ के इनपुट पर आधारित)

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