कौशांबी : वीडियो वायरल होने के बाद रेप पीड़िता ने की आत्महत्या की कोशिश, अब तक क्या हुई है कार्रवाई?

BBC Hindi

बुधवार, 12 जून 2024 (18:00 IST)
- गौरव गुलमोहर
Rape victim attempted suicide in Kaushambi :
उत्तर प्रदेश के कौशांबी ज़िले के एक स्कूल प्रिंसिपल देवेंद्र कुमार मिश्रा का कथित तौर पर एक नाबालिग छात्रा के साथ अश्लील वीडियो पिछले तीन दिनों से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में अभियुक्त गांव के ही एक ग़रीब परिवार की नाबालिग छात्रा के साथ कथित रूप से अश्लील हरकत करता नज़र आ रहा है।
 
वीडियो वायरल होने के एक दिन बाद ही पीड़ित छात्रा ने दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के सामने कूदकर जान देने की कोशिश की। गंभीर रूप से घायल छात्रा को कौशाम्बी ज़िले के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। ज़िला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुनील कुमार शुक्ल ने बीबीसी को बताया, हमारे यहां जो बच्ची एडमिट है रेलवे ट्रैक पर गई थी वहां उसे जो चोट आई है। उसी को लेकर इलाज चल रहा है और उसकी स्थिति ठीक है।
 
वीडियो वायरल होने के बाद पीड़िता की मां की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुख्य अभियुक्त देवेंद्र कुमार मिश्रा पर आईपीसी की धारा 376, 504, 506, 120बी और पॉक्सो एक्ट की धारा 3 एवं चार और आईटी एक्ट की धारा 67ए के तहत मुक़दमा दर्ज किया। जबकि पुलिस ने वीडियो वायरल करने के आरोपी राजू सिंह पर आईपीसी 120बी और 67ए आईटी एक्ट के तहत मुक़दमा पंजीकृत किया।
 
कौशांबी ज़िले के सिराथू सीओ अवधेश कुमार विश्वकर्मा ने बताया, इस केस में प्रोग्रेस ये है कि बच्ची अभी एडमिट है, हॉस्पिटल में अभी इलाजरत है। अभी 161 में कार्रवाई हो चुकी है। डीएनए सैंपलिंग के लिए चला गया है। 164 की कार्रवाई नहीं हुई है क्योंकि अभी वह बोलने में सक्षम नहीं है। बोल तो रही है लेकिन स्पष्ट नहीं बोल पा रही है। जल्द से जल्द हमारी जांच पूरी जाएगी। अभियुक्त और उसका सहायक गिरफ्तार हो चुका है।
 
आत्महत्या एक गंभीर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्या है। अगर आप भी तनाव से गुजर रहे हैं तो भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 से मदद ले सकते हैं। आपको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी बात करनी चाहिए। 
 
क्या है पूरा मामला?
कौशांबी ज़िले के कोखराज क्षेत्र में पांच जून की शाम (कई लोगों के बयानों के आधार पर) को एक अश्लील वीडियो लोगों के मोबाइल में पहुंचना शुरू हुआ। रात होते-होते नाबालिग छात्रा के परिजनों के मोबाइल में भी वीडियो पहुंच गया। छह जून को छात्रा की मां ने कोखराज थाने में स्कूल के प्रिंसिपल देवेंद्र कुमार मिश्रा के नाम शिकायत दर्ज कराई।
 
आठ जून की सुबह वायरल वीडियो से शर्मिंदगी झेल रही और अभियुक्त की गिरफ्तारी न होने से निराश छात्रा ने घर से निकलकर पीछे रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के सामने कूदकर जान देने की कोशिश की। मौके पर परिजनों ने पहुंचकर उसकी जान बचाई और उसे घायल अवस्था में ही अस्पताल ले गए।
 
परिजनों ने बताया कि ये घटना एक महीने से पहले की है। 29 अप्रैल को परिवार अपने नजदीकी रिश्तेदार के यहां शोकसभा में शामिल होने गया था। घर पर लड़की अकेली थी। परिवार का कहना है कि नाबालिग छात्रा को अकेला पाकर देवेंद्र कुमार मिश्रा घर में घुस गया और उसके साथ ग़लत हरकत की।
 
इसी दौरान राजू सिंह नामक एक युवक ने घर में घुसकर वीडियो बना लिया जिसे महीनेभर बाद पांच जून को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। मुख्य अभियुक्त देवेंद्र कुमार मिश्रा समेत वीडियो वायरल करने वाले युवक राजू सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
 
अस्पताल में बहन का इलाज करा रहे छात्रा के बड़े भाई ने बताया, मैं पंद्रह दिन पहले कमाने-खाने के लिए पुणे गया था। सोशल मीडिया पर वहां वायरल वीडियो देखकर पता चला कि हमारी बहन के साथ गलत हुआ है। मैंने घर पर मम्मी को फोन कर पूछा लेकिन मम्मी को भी कुछ नहीं पता था।
 
वीडियो के वायरल होने के बाद ही परिवार को इस घटना की जानकारी मिली। नाबालिग रेप पीड़िता की मां ने रोते हुए कहा, वो बड़ा मनई, हम ग़रीब। हमार कौन साथ दे? उसकी सगल (सब जगह) पकड़ है। पैसा वाला है। ग़रीब जानकर हमका दबाइस ऊ। सोचा होगा जान भी जाई तो का करी?
 
ग़रीब है पीड़ित परिवार
ये परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान में रह रहा है। घर पर हमारी मुलाकात छात्रा की बड़ी बहन से हुई। उन्होंने बताया, इस बार उसका 11वीं में नाम लिखाया गया था। वह घर से थोड़ी दूर इंटर कॉलेज में पढ़ती है। पढ़ाई-लिखाई में अच्छी थी। घर का सारा काम करती थी। पार्लर का काम सीखने के लिए बोल रही थी। मां-बाप भी सिलाई-कढ़ाई सिखाने के लिए सोच रहे थे लेकिन यह घटना घट गई।
 
वो खुद को संभालते हुए बताती हैं, वह (देवेंद्र मिश्रा) घर पर आता-जाता था। उसकी उम्र लगभग 50 साल है। जिस स्कूल में देवेंद्र मिश्रा प्रिंसिपल है उस स्कूल के मालिक का खेत बंटाई पर लिया गया है, इसलिए उसका आना-जाना लगा रहता था लेकिन वह इस तरह कर देगा कोई नहीं जानता था।
 
इलाके के पार्षद घनश्याम पासी ने बीबीसी को बताया, ग़रीब परिवार की लड़की थी इसलिए उसका शोषण हुआ। जाति देखकर शोषण किया गया। एक शिक्षक और गुरु के रिश्ते को तार-तार कर दिया। इसलिए लड़की ने आहत होकर जान देने की कोशिश की।
 
कनेक्शन की धौंस?
स्थानीय लोगों ने बताया कि अभियुक्त खुद को आरएसएस का पदाधिकारी बताता था। ऐसी भी अफ़वाहें थीं कि स्कूल भी आरएसएस द्वारा संचालित था। ग्रामीणों के अनुसार सरस्वती विद्या मंदिर का प्रिंसिपल देवेंद्र कुमार मिश्रा अपने आपको आरएसएस का ज़िला प्रमुख बताता था। लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ज़िला कार्यवाह श्रीकृष्ण पांडेय संबंधित स्कूल और उसके प्रिंसिपल मुख्य अभियुक्त देवेंद्र कुमार मिश्रा के आरएसएस से किसी प्रकार के संबंध से साफ़ इनकार करते हैं।
 
श्रीकृष्ण पांडेय ने बताया, यह स्कूल आरएसएस द्वारा नहीं बल्कि जन शिक्षा समिति द्वारा संचालित है। देवेंद्र कुमार मिश्रा आरएसएस से बिल्कुल नहीं जुड़ा है। कभी भी शाखा नहीं गया। ये फ्रॉडिया आदमी है। वह अपने आपको ज़िला संघ प्रमुख बताता था लेकिन न कोई पदाधिकारी है, न ही स्वयंसेवक है।
 
अभियुक्त पर पीड़ित परिवार को धमकी देने का आरोप
अभियुक्त प्रिंसिपल देवेंद्र कुमार मिश्रा पर वीडियो वायरल होने के बाद पीड़ित परिवार को डराने धमकाने का आरोप है। पीड़िता की मां बताती हैं, हम वीडियो वायरल होने के बाद उससे मिले, वो बोला कुछ लाभ लेकर मैटर दबा दो। हमने कहा कि गर्दन कट जाए हम मैटर नहीं दाबेंगे। हम ग़रीब हैं तो क्या हमारी इज़्ज़त नहीं है?
 
पीड़िता के चेचेरे भाई को भी अभियुक्त ने धमकी भरे फोन किए थे। वे बताते हैं, देवेंद्र मिश्रा ने फ़ोन करके कहा कि सीओ से पिटवाऊंगा तो दिमाग़ ठिकाने आ जाएगा। हम चाहते हैं कि मामले में उचित कार्रवाई हो। पीड़िता के बड़े भाई अपना मोबाइल निकालकर दिखाते हैं। जिसमें बुधवार यानी पांच जून को देवेंद्र कुमार मिश्रा के नम्बर से अलग-अलग समय में तीन बार कॉल आई है।
 
वे बताते हैं, मैं पुणे में था। मुझे फोन करके देवेंद्र कुमार मिश्रा ने धमकाया। बोला हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मैं आरएसएस का नेता हूं। ग्रामीणों का दावा है कि इससे पहले भी छेड़छाड़ के मामले में देवेंद्र मिश्रा का नाम आ चुका है। लेकिन कोई भी मामला पुलिस शिकायत तक नहीं पहुंचा। देवेंद्र मिश्रा का अपना परिवार है। स्कूल के पास ही वे अपनी पत्नी और 15 साल के बेटे के साथ रहते थे।
 
लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद से घर पर ताला लटका है और पत्नी और बेटे का पता नहीं चल पाया है। समाजवादी पार्टी से कौशांबी विधायक और पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज ने अस्पताल में पीड़िता और उसके परिवार से मिलने के बाद बीबीसी से कहा, वह दबंग व्यक्ति है और पेशेवर अपराधी है। गांव के लोगों ने बताया है कि इस तरह की कई वारदात कर चुका है। इसलिए पुलिस इस केस को रफा-दफा करना चाहती है।
 
इस पूरे मामले में ज़िला पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि गिरफ्तारी के बाद भी मुख्य अभियुक्त की पुलिस हिरासत में मुस्कुराती तस्वीरें सोशल मीडिया पर दिख रही हैं। इस मामले में स्थानीय पुलिस का दावा है कि शिकायत मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई हुई है। मामले के मुख्य अभियुक्त की बीजेपी के नेताओं के साथ कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर दिख रही हैं।
 
लेकिन बीजेपी के कौशांबी जिलाध्यक्ष धर्मराज मौर्य, नाबालिग से बलात्कार करने के अभियुक्त देवेंद्र कुमार मिश्रा के भाजपा से किसी भी प्रकार के संबंध से इनकार करते हैं। धर्मराज मौर्य ने कहा, इसका बीजेपी से कोई संबंध नहीं है, वह शिशु मंदिर का आचार्य है। आजकल कोई भी फोटो खिंचा लेता है। फोटो खिंचाने का ज़माना है, लोग पहुंचते हैं फोटो खिंचाकर चले जाते हैं। किसी के साथ कोई खड़ा होता है तो भगा तो सकते नहीं। किसी के माथे पर लिखा नहीं होता कि कैसा व्यक्ति है।
 
अपराध के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक दलितों के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। उत्तर प्रदेश में दलितों के ख़िलाफ़ अपराधों की संख्या साल दर साल बढ़ी है। साल 2022 में उत्तर प्रदेश में दलितों के ख़िलाफ़ अपराध के 15,368 मामले दर्ज किए गए थे। 2021 में यह संख्या 13,146 तथा 2020 में 12,714 थी।
 
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में पहले नंबर पर है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों की संख्या साल दर साल बढ़ी है। साल 2022 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के 65,743 मामले दर्ज किए गए थे। 2021 में यह संख्या 56,083 और 2020 में 49,385 थी।
 
महत्वपूर्ण जानकारी
मानसिक समस्याओं का इलाज दवा और थेरेपी से संभव है. इसके लिए आपको मनोचिकित्सक से मदद लेनी चाहिए, आप इन हेल्पलाइन से भी संपर्क कर सकते हैं-
समाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय की हेल्पलाइन- 1800-599-0019 (13 भाषाओं में उपलब्ध)
इंस्टीट्यूट ऑफ़ ह्यमून बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज-9868396824, 9868396841, 011-22574820
हितगुज हेल्पलाइन, मुंबई- 022- 24131212
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस-080 - 26995000

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