'मुसलमान अगर गटर में पड़े रहना चाहते हैं तो पड़े रहने दो'
बुधवार, 26 जून 2019 (09:36 IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इस दौरान मोदी ने शाह बानो मामले का ज़िक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और कांग्रेस के एक नेता के विवादित बयान को संसद में दोहराया।
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस के एक नेता ने कहा था कि मुसलमानों के उत्थान की ज़िम्मेदारी कांग्रेस की नहीं है, अगर वो गटर नें रहकर जीना चाहते हैं तो रहें।
हालांकि नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान यह नहीं बताया कि यह बयान किस कांग्रेसी नेता का है। जब कांग्रेस की तरफ़ से पूछा गया कि उनके किस नेता ने यह बात कही है तो मोदी ने उन्हें यूट्यूब लिंक भेज देने की बात कही।
संसद में मोदी के इस बात का जिक्र करने के बाद यह बयान देने वाले कांग्रेसी नेता आरिफ मोहम्मद ख़ान सुर्ख़ियों में आ गए। राजीव गांधी सरकार के वक़्त मंत्री रहे आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
Former Union Min, Arif M Khan on PM Modi's speech in Lok Sabha: 6-7 yrs ago, during a TV interview, I was asked whether any pressure was brought upon me to take back my resignation(in connection with Shah Bano case). I told them after resigning, I disappeared from my house. pic.twitter.com/lUOmL75eEa
समाचार एजेंसी एएनआई से आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा कि ''छ:-सात साल पहले एक टीवी इंटरव्यू के दौरान मुझसे पूछा गया कि क्या मुझ पर इस्तीफ़ा (शाह बानो मामले के बाद) वापस लेने के लिए किसी तरह का दबाव बनाया गया था। मैंने उन्हें बताया कि इस्तीफ़ा देने के बाद मैं अपने घर से चला गया था।
आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा कि 'इसके बाद मैंने बताया था कि अगले दिन संसद में मेरी मुलाक़ात अर्जुन सिंह से हुई। वे लगातार मुझे बोल रहे थे कि मैंने जो किया वो सैद्धांतिक तौर पर सही है, लेकिन इससे पार्टी के लिए बहुत ज़्यादा मुश्किलें बढ़ जाएंगी, तब नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा था कि तुम बहुत ज़िद्दी हो। अब तो शाह बानो ने भी अपना स्टैंड बदल लिया है।
Former Union Min, Arif M Khan on PM Modi's speech in Lok Sabha: 6-7 yrs ago, during a TV interview, I was asked whether any pressure was brought upon me to take back my resignation(in connection with Shah Bano case). I told them after resigning, I disappeared from my house. pic.twitter.com/lUOmL75eEa
सदन में मोदी ने आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के बयान का ज़िक्र किया था। इस पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेरे इंटरव्यू का उल्लेख कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि कब तक समाज का एक तबक़ा सत्तारूढ़ दलों को उसे धोखा देने का अधिकार देता रहेगा। यह बिलकुल साफ़ संदेश है।
आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने इंटरव्यू में क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के जिस इंटरव्यू का ज़िक्र किया उसमें उन्होंने दावा किया था कि ''नरसिम्हा रावजी ने ख़ुद मुझसे कहा है कि मुसलमान हमारे वोटर हैं, हम इन्हें क्यों नाराज़ करें। हम इनके सामाजिक सुधारक नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी समाज सुधार का काम नहीं कर रही है। हमारा रोल समाज सुधारक का नहीं है। हम राजनीति के बिज़नेस में हैं और अगर ये गटर में पड़े रहना चाहते हैं तो पड़े रहने दो।
कई मीडिया वेबसाइटों में आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के उस पुराने इंटरव्यू से जुड़े हिस्सों को बताया गया है। उस इंटरव्यू में आरिफ मोहम्मद ख़ान ने यह भी कहा था कि शाह बानो मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला बदलने के लिए राजीव गांधी पर दबाव डाला गया था।
दबाव डालने वाले वरिष्ठ नेताओं में पीवी नरसिम्हा राव, अर्जुन सिंह और एनडी तिवारी शामिल थे। ये सभी उस समय सरकार में मंत्री थे।
इस पूरे मामले के बाद बीजेपी ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान और आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के उस पुराने इंटरव्यू के एक छोटे से हिस्से को जोड़कर ट्वीट किया है।