रेंजर अधिकारियों ने इन दोनों गोरिल्लाओं को तब बचाया था जब वो बच्चे थे। यह सेल्फी कांगो के वीरुंगा नेशनल पार्क में ली गई थी, जहां जानवरों को उनके मां-पिता की शिकारियों की ओर से हत्या के बाद लाया जाता है।
वीरुंगा के डिप्टी डायरेक्टर इंनोसेंट मब्यूरनम्वे ने बीबीसी को बताया कि दोनों गोरिल्लाओं की मांओं की हत्या जुलाई 2007 में कर दी गई थी। गोरिल्ला उस समय सिर्फ़ दो और चार महीने के थे। कुछ ही समय बाद दोनों को वीरुंगा के एक अभयारण्य में ले जाया गया, जहां वे तब से रह रहे हैं।
डिप्टी डायरेक्टर बताते हैं, 'क्योंकि दोनों गोरिल्ला रेंजर अधिकारियों के साथ बड़े हुए हैं, जिन्होंने उन्हें बचाया था, वो इंसानों की नकल करने लगे हैं और दो पैरों पर खड़े रहना उनका इंसानों की तरह बनने की कोशिश है।' वो कहते हैं, 'लेकिन यह आम तौर पर नहीं होता है।'
'मैं इसे देखकर बहुत चकित था। इसलिए यह बहुत मज़ेदार है। एक गोरिल्ला को इंसानों की तरह खड़े होना और उसकी नकल करते देखना काफी रोचक होता है।' एक रेंजर होना हमेशा मज़ेदार नहीं होता, यह बहुत ही ख़तरनाक काम है।