-अरविंद छाबड़ा, बीबीसी पंजाबी सेवा
तलाक़ के मामलों में अमूमन पत्नी को गुज़ारा भत्ते के तौर पर एक तय राशि दी जाती है लेकिन हरियाणा में एक शख़्स पैसों के बदले अपनी पत्नी को कपड़े और खाने-पीने का सामान देगा। वो हर तीन महीने में तीन सूट, हर महीने चीनी, चावल और कुछ अन्य सामान देगा।
फैसला देते हुए न्यायाधीश ने कहा, ''गुज़ारा भत्ते में पैसे देने की बजाए याचिकाकर्ता हर महीने 20 किलो चावल, पांच किलो चीनी, पांच किलो दाल, 15 किलो गेहूं, पांच किलो शुद्ध घी, हर तीन महीने में तीन सूट और हर दिन दो लीटर दूध देगा।
पति के वक़ील ने बताया, ''मेरे मुवक्किल की उम्र 30 साल है। उन्होंने कोर्ट से कहा कि वो एक किसान हैं और अपनी पत्नी को नगद में गुज़ारा भत्ता नहीं दे सकते, लेकिन इसके बदले वो उन्हें सामान दे सकते हैं। कोर्ट ने इसके लिए मंज़ूरी दे दी।''
वक़ील ने बताया कि पति और पत्नी दोनों हरियाणा के भिवानी में रहते हैं। उनके दो बच्चे हैं जो पति के साथ रहते हैं। इस तरह की याचिका डालने का ख़याल कैसे आया, इस पर वक़ील ने कहा कि इसमें कुछ अलग नहीं है और ऐसा करना उनकी ज़रूरत थी।