सोशल मीडिया में 53 सेकेंड की एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है जिसमें एक बीजेपी कार्यकर्ता कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से लाठी लेकर भिड़ने के लिए पार्टी समर्थकों को भड़का रहा है।
ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सोशल मीडिया संयोजक दिप्तांशु चौधरी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बुधवार को ट्वीट किया, “क्या ईश्वरचंद्र की मूर्ति तोड़ने की बीजेपी की पूर्व योजना थी? बीजेपी बंगाल के क्लोज व्हाट्सऐप ग्रुप में ये वीडियो प्रसारित करते हुए अमित शाह के रोड शो में लाठी डंडों के साथ आने को कहा गया। और मिस्टर शाह इस बात पर सहानुभूति मांग रहे हैं कि उनपर हमला हुआ था। कौन ‘नफरत के शाह’ को निशाना बनाएगा? झूठे।”
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को 60,000 बार से अधिक साझा किया जा चुका है और हजारों लोगों ने देखा है।
इस वीडियो में ये कहते सुना जा सकता है, “फाटाफाटी ग्रुप (व्हाट्सऐप) के सदस्य, आपलोग किस लिए हैं आपको पता है। कल रोड शो में कुछ झमेला हो सकता है। जो सदस्य कल नहीं आएंगे उन्हें हम लोग इस ग्रुप से निकाल बाहर करेंगे। मैं फाटाफाटी ग्रुप के सदस्यों से अपील करता हूं कि कल किसी भी तरह से झमेला खड़ा करना है। आप सभी को कल आना है। आप सभी का स्वागत है। क्योंकि अमित शाह के कल के रोड शो में आपको मुख्य भूमिका निभानी है। आठ फुट का डंडा लेकर पुलिस और टीएमसी के गुंडा लोग से लड़ना है हम लोगों को।”
मंगलवार को कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा के बाद ये वीडियो सामने आया।
चुनावी हिंसा को देखते हुए चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से पश्चिम बंगाल में अपना चुनाव प्रचार एक दिन पहले ही खत्म करने को कहा है।
बीजेपी ने ये कहते हुए इस फैसले का स्वागत किया है कि इससे उनके इस तर्क की पुष्टि हुई है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य में अराजकता फैल चुकी है।
उधर, ममता बनर्जी ने कहा कि ये फैसला अलोकतांत्रिक है और इसने बंगाल के लोगों का अपमान किया है।
हिंसा किसने शुरू की, इस बात को लेकर दोनों पार्टियों के बीच खूब बहस हो रही है। दोनों पक्षों ने अपने समर्थन में और दूसरे पर आरोप लगाने के लिए कई वीडियो फुटेज को सबूत के तौर पर पेश किया।
खुद को ट्विटर पर कांग्रेस समर्थक बताने वाले गौरव पांढी ने कहा है कि ये हिंसा बीजेपी की ओर से पूर्वनियोजित थी।
हमने पाया है कि ये वीडियो सही है।
बीबीसी ने इस वीडियो में दिखाई देने वाले व्यक्ति राकेश कुमार सिंह से बात की। उन्होंने इस वीडियो में खुद के होने से इनकार नहीं किया।
उन्होंने कहा, “टीएमसी के एक आधिकारिक व्यक्ति ने अमित शाह पर टीएमसी के गुंडों द्वारा संभावित हमले की धमकी दी थी। उसने मुझसे सतर्क रहने को कहा था। समर्थक के रूप में हमें तैयार रहने की जरूरत थी। ये पूरा वीडियो दो मिनट है लेकिन गलत जानकारी फैलाने के लिए उसके केवल एक हिस्से को ही साझा किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “आठ फुट के डंडे वाले कमेंट से मेरा मतलब बीजेपी के झंडे से था। लेकिन वीडियो में छेड़छाड़ की गई है।”
जब बीबीसी ने उनसे पूरा वीडियो देने को कहा तो उन्होंने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि उनके वरिष्ठ नेताओं ने उनसे मूल वीडियो साझा न करने के लिए कहा है क्योंकि वो इसी आधार पर कानूनी कार्रवाई के बारे में योजना बना रहे हैं।
बीबीसी इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि ये वीडियो एडिट किया गया है या नहीं।