ऑस्ट्रिया में प्राइमरी स्कूलों में हिजाब पर रोक

Webdunia
शुक्रवार, 17 मई 2019 (11:33 IST)
ऑस्ट्रिया की संसद ने प्राइमरी स्कूलों में हेडस्कार्फ पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका प्रस्ताव देश की सत्ताधारी दक्षिणपंथी गठबंधन सरकार ने दिया था। ये प्रतिबंध बुरके पर मौजूदा प्रतिबंध के अतिरिक्त होगा।
 
 
ऑस्ट्रिया में, इन आरोपों से बचने के लिए कि ये कदम मुसलमानों के खिलाफ लक्षित है, संसद द्वारा पारित बिल में किसी भी "विचार या धर्म से प्रभावित पोशाक, जो सिर को ढकने से जुड़ा हो," की बात कही गई है। लेकिन सरकार में शामिल दोनों ही पार्टियों अनुदारवादी पीपुल्स पार्टी और धुर दक्षिणपंथी फ्रीडम पार्टी के प्रतिनिधियों ने साफ किया है कि ये कानून मुस्लिम हिजाब के खिलाफ लक्षित है।
 
फ्रीडम पार्टी की शिक्षा प्रवक्ता वेंडेलिन मोएल्सर ने कहा कि नया कानून "राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ एक संकेत" है। चांसलर सेबास्टियन कुर्त्स की पीपुल्स पार्चटी के सांसद रूडॉल्फ टाश्नर ने कहा कि ये कदम लड़कियों को पराधीनता से बचाने के लिए जरूरी था। ऑस्ट्रिया के आधिकारिक मुस्लिम संगठन ने इस बिल को शर्मनाक और विभाजक बताया था। उसका कहना है कि ये कानून बहुत ही छोटी संख्या में लड़कियों को प्रभावित करेगा।
 
ऑस्ट्रियन संसद में विपक्षी पार्टियों ने लगभग एकमत से इस नए कानून के विरोध में मत दिया। कुछ सांसदों ने सरकार पर बच्चों के कल्याण से ज्यादा सुर्खियों की चिंता करने का आरोप लगाया। सरकार ने भी स्वीकार किया है कि इस कानून को संवैधानिक अदालत में चुनौती दी जाएगी। ये चुनौती दो आधारों पर दी जा सकती है। एक तो धार्मिक भेदभाव के आरोप पर या फिर इस आधार पर कि स्कूलों को प्रभावित करने वाले इस तरह के कानून संसद में दो तिहाई बहुमत से पास किए जाते हैं।
 
ऑस्ट्रिया में 2017 के बाद से मुख्य धारा की कंजरवेटिव पार्टी पीपुल्स पार्टी और धुर दक्षिणपंथी फ्रीडम पार्टी की गठबंधन सरकार है। यूरोप में शरणार्थी संकट और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल द्वारा सीमाओं को शरणार्थियों के लिए खोले जाने के चरम पर पीपुल्स पार्टी ने शरणार्थियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया था।
 
फ्रीडम पार्टी पहले से आप्रवासन विरोधी नीति अपनाती रही है। दोनों पार्टियों ने विदेशियों के समांतर समाज के खतरों के खिलाफ चेतावनी दी थी। ऑस्ट्रिया की पिछली सरकार ने अदालतों, स्कूलों और दूसरे सार्वजनिक स्थलों पर चेहरे को पूरा ढकने वाले नकाब पहनने पर रोक लगा दी थी। साथ ही पुलिस अधिकारियों, जजों, मजिस्ट्रेटों और सरकारी वकीलों पर भी हिजाब पहनने पर रोक है।
 
एमजे/एके (एएफपी, एपी)
 

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