हाइपरपिग्मेंटेशन इन साधारण गलतियों की वजह से होते हैं, जानें इसके सटीक उपचार

हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या से लड़कियां अधिक शिकार होती है। चेहरे पर होने से चेहरा बेहद बदसुरत नजर आता है। क्योंकि यह आपकी प्राकृतिक त्वचा टोन की तुलना में गहरे रंग का हो जाता है। और त्वचा का वह हिस्सा काला होता जाता है। यह बड़े हिस्से पर हो सकता है और छोटे पर भी। इसका कारण शरीर में मेलेनिन, त्वचा का रंग पैदा करने वाला पिगमेंट, ज्यादा मात्रा में पैदा हो जाता है।  

हाइपरपिग्मेंटेशन में चेहरे पर छोटे-छोटे पैच भी हो जाते हैं और त्वचा के बड़े भाग पर भी हो जाते हैं। यह थोड़े ठीक होने के बाद काले धब्बों की तरह नजर आने लगते हैं। यह माथे पर सबसे अधिक होते हैं। और चेहरे पर भी होने लगते हैं। समय रहते इसका इलाज नहीं करने पर यह काले धब्बे की तरह चेहरे पर जम जाते हैं। और बहुत मुश्किल से खत्म होते हैं।

इसके मुख्य कारण है

- धूप के संपर्क में आना।
- अनुवांशिक लक्षण।  
- हार्मोन में बदलाव।
- गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन।
- हेयर रिमूवल।
- विटामिन बी-12 और डी की कमी। और
- त्वचा मेलेनिन का स्तर बढ़ना।

क्‍या नहीं करना चाहिए

- माथे पर पसीना आने पर बार-बार जोर से नहीं पोछे। नरम कपड़े का इस्तेमाल करें।
- धूप में अधिक नहीं घुमें।
- बाम का उपयोग जरूरत होने पर ही करें। कई लोग आदि भी हो जाते हैं।
- ध्‍यान रखें आपको बालों में कलर करने पर तो पिगमेंटेशन नहीं हो रहे।

आइए जानते हैं पिगमेंटेशन के उपचार -

1. विटामिन सी - त्वचा के लिए रामबाण है कहा जाता है। विटामिन सी को त्‍वचा के लिए सुपरहीरो कहा जाता है। इसमें पाएं जाने वाले ‘एंटीआॅक्सिडेंट’कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाकर, चेहरे पर उपस्थित निशान और दाग-धब्बों को कम करता है। कई अध्ययनों के आधार पर 2019 की वैज्ञानिक रिपोर्ट में पाया गया कि 3 से 10 प्रतिशत के स्तर पर उपयोग किया जाने वाला विटामिन सी हाइपर पिगमेंटेशन को तेजी से काम करता है। जल्‍दी छुटकारा पाने के लिए दिन में एक बार विटामिन सी का प्रयोग जरूर करना चाहिए।

2.
मेंडेलिक एसिड यह बादाम से बनता है। जिससे त्‍वचा को जरूरी तत्व मिलते हैं। यह एक तरह का ‘एल्फा हाइड्रोक्सी एसिड’होता है। इसके फायदे एक नहीं अनेक हैं, स्किन टोन को यह हल्का करता है, झुर्रियां कम करता है, मुंहासों से त्वचा में हो जाने वाली सूजन को भी कम करता है, त्वचा को चमकदार तो बनता ही है।

3. कोजिक एसिड एक प्रकार का फंगस/काई है। अब सुनने में तो यह अजीब जरूर लग रहा होगा लेकिन यह फंगस वही जो सोया साॅस, राइस वाइन आदि को फर्मेन्ट करने पर नेचुरली उनमें बन जाती है।यह एक नेचुरल ब्लीच की तरह काम करता है और यह तो हम सब जानते ही हैं कि ब्लीच त्वचा की गहरी रंगत/काले धब्बों को हल्का करने का काम करता है। यह निश्चित रूप से मुंहासे से संबंधित हाइपर पिगमेंटेशन से निपटने में सहायक होता है।

हालांकि यह केमिकल युक्‍त होने के कारण डॉक्टर की सलाह से ही इसका इस्तेमाल करें। क्योंकि सभी का स्किन टाइप अलग-अलग होता है। और केमिकल सभी के चेहरे एक जैसा रिएक्ट नहीं करते हैं।

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