1. डायबिटीज के मरीज : डायबिटीज के मरीजों में पैरों में खून का संचार कम होता है, जिससे पैरों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। पेडिक्योर से पैरों की सफाई होती है, मृत त्वचा हटती है और नाखूनों को सही तरीके से काटा जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है। ALSO READ: घर पर बना ये बॉडी पॉलिशिंग स्क्रब देगा कम खर्च में सेलून जैसा निखार
2. बुजुर्ग : बुजुर्गों में भी पैरों में खून का संचार कम होने लगता है, जिससे पैरों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। पेडिक्योर से पैरों की सफाई होती है और संक्रमण से बचाव होता है।
3. एथलीट : एथलीटों के पैरों पर ज़्यादा दबाव पड़ता है, जिससे पैरों में फंगल संक्रमण और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। पेडिक्योर से पैरों की सफाई होती है और इन समस्याओं से बचाव होता है।
4. गर्भवती महिलाएं : गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के पैरों में सूजन आ सकती है और नाखूनों में बदलाव भी हो सकता है। पेडिक्योर से पैरों की सफाई होती है और इन समस्याओं से राहत मिलती है।
5. जिन लोगों को पैरों में फंगल संक्रमण है : फंगल संक्रमण से पैरों में खुजली, जलन और दर्द हो सकता है। पेडिक्योर से पैरों की सफाई होती है और फंगल संक्रमण से बचाव होता है।
पेडिक्योर करवाते समय ध्यान रखें:
किसी योग्य और अनुभवी पेडिक्योरिस्ट से ही पेडिक्योर करवाएं।
सुनिश्चित करें कि पेडिक्योरिस्ट साफ-सफाई का पूरा ध्यान रख रहा है और इस्तेमाल किए जा रहे उपकरणों को अच्छी तरह से स्टरलाइज कर रहा है।
अगर आपको कोई चोट या संक्रमण है तो पेडिक्योर करवाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
पेडिक्योर न केवल पैरों की खूबसूरती बढ़ाता है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाव करता है। इसलिए, अगर आप ऊपर बताए गए लोगों में से हैं तो नियमित रूप से पेडिक्योर करवाएं और अपने पैरों का ख्याल रखें।
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