मुँहासों की प्राकृतिक चिकित्सा - 1

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शरीर से विजातीय द्रव्य मल, मूत्र पसीना व (0.2) को नियत समय में बाहर निकालने के लिए निम्न उपचार कर इस समस्या को जड़-मूल से समाप्त किया जा सकता है।

1. प्रातःकाल कागासन में बैठकर सवा लीटर पानी पीना, जिससे मल, मूत्र मार्ग से शरीर का विकार बाहर निकल सके।

2. जलनेति सुगमतापूर्वक हो सके जिसके कारण शरीर में ज्यादा शुद्ध वायु (ऑक्सीजन) प्रवेश कर सके तथा ज्यादा दूषित वायु (902) शरीर से बाहर निकल सके।

3. नियमित आसन-प्राणायाम करने से शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बना रहे।

4. धूप स्नान द्वारा शरीर से पसीने के माध्यम से विकार बाहर निकलता रहे।

5. पेट पर आधा घंटा मिट्टी की पट्टी लगाने से पाचन संस्थान ठीक से कार्य करता है तथा कब्ज की शिकायत दूर होती है।

6. गरम-ठंडा कटिस्नान, मेहन स्नान, चेहरे पर मिट्टी लगाना, ठंडी चादर लपेट तथा एनिमा द्वारा पेट की नियमित सफाई करना।

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