पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को 'फख्रे एशिया' कहा जाता था और उनकी राजनीतिक वारिस होने के नाते बेनजीर 'दुख्तरे मशरिक' यानी पूरब की बेटी के नाम से मशहूर हुईं। पूरब की यह बेटी दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं।
एक महिला प्रधानमंत्री होने के नाते पाकिस्तान की महिलाओं को उनसे उम्मीदें लगाना स्वाभाविक ही था। लेकिन पाकिस्तान में महिलाओं के मानवीय और संवैधानिक अधिकारों की दिशा में वे ज्यादा कुछ इसलिए नहीं कर सकीं क्योंकि पाकिस्तान की कठमुल्ला जमात को देश में औरत का वजीरे आजम होना ही गवारा नहीं था, फिर सेना भी थी। इन दो ताकतों ने बेनजीर से तथाकथित चुनावों के जरिए सत्ता छीन ली, लेकिन पाकिस्तान की औरतों सहित वहाँ के अवाम की असली आजादी के लिए बीबी के दिल में त़ड़प हमेशा बनी रही।
यही कारण है कि पति आसिफ अली जरदारी की बरसों की कैद और अपने लंबे निर्वासन के बावजूद बेनजीर मुल्क के अवाम से रुहानी तौर पर कभी दूर नहीं रहीं। दुनिया के साथ पाकिस्तान के बदलते हालातों ने जनरल परवेज मुशर्रफ से वर्दी उतरवा दी और देश में एकबार फिर जम्हूरियत का जज्बा जागने लगा।सबको लगता था कि बेनजीर की मियाँ मुशर्रफ से मिलीभगत है लेकिन बीबी ने अपनी जान देकर साबित कर दिया वे पाकिस्तान के अवाम के साथ धोखा नहीं कर सकती।
भारत, पाकिस्तान और अमेरिका : गाँधी, भुट्टो और केनेडी तीन मुल्कों के ऐसे सियासी परिवार हैं, जिनका उत्थान और अंत लगभग एक सा रहा। बेनजीर की हत्या के बाद भुट्टो परिवार का भी सियासी अंत हो गया। 28 वर्ष पहले उनके वालिद जुल्फिकार अली भुट्टो को सैनिक शासन ने फाँसी पर टाँग दिया था। भाई शाहनवाज की 1985 में फ्रेंच रिवियेरा अपार्टमेंट में मौत हो गई थी। उनके दूसरे भाई मुर्तजा की 1996 में संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी।
भारत : गाँधी परिवार के साथ भारत में भी लगभग ऐसा ही घटा। प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी को उनके ही अंगरक्षक ने 1984 में मार डाला। उनके उत्तराधिकारी पुत्र राजीव गाँधी की सात वर्ष बाद लिट्टे ने तमिलनाडु में मानवबम से हत्या कर दी। तब बेनजीर का प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल चल रहा था। इंदिराजी का दूसरा बेटा संजय 1980 में विमान हादसे का शिकार हुआ।
अमेरिका : संयुक्त राज्य अमेरिका में जान एफ. केनेडी का भाग्य भी सदृश्य ही कहा जाएगा। डलास में 1963 में जान एफ केनेडी की हत्या कर दी गई। पाँच साल बाद उनके भाई राबर्ट की हत्या हो गई। जान एफ के पुत्र जान जूनियर 1999 में विमान हादसे के शिकार हो गए।
बुधवार को मिली जिंदगी गुरुवार को हार गई : किसी-किसी के लिए कोई दिन शुभ होता है तो किसी के लिए विशेष तारीख या महीना। बेनजीर भुट्टो के लिए बुधवार हमेशा सौभाग्यशाली रहा। उनकी जिंदगी की घटनाओं से भी यह जाहिर होता है। गत बुधवार को ही पेशावर में सुश्री भुट्टो की पेशावर में रैली के दौरान एक आत्मघाती हमलावर पकड़ा गया था और उस दिन सुश्री भुट्टो की जिंदगी बच गई लेकिन अगला दिन उनके लिए मौत लेकर आया।
बेनजीर ने आसिफ अली जरदारी से 1987 में 29 जुलाई के दिन अपनी मँगनी की घोषणा की थी और वह दिन बुधवार ही था। जब वे तीन साल के गुप्तवास के बाद 1986 के अप्रैल माह में राजनीति में और पाकिस्तान लौटी थीं तो वह दिन भी बुधवार ही था।
वर्ष 1988 में 21 सितंबर के दिन वे माँ बनीं और बेटे बिलावल को जन्म दिया, एक बार फिर वह बुधवार था। यह भी एक सौभाग्य कहा जा सकता है कि 16 नवंबर 1989 को जब आम चुनाव में उनकी पार्टी ने बहुमत जीता तो भी बुधवार ही था और वह उसी माह की तीस तारीख कोप्रधानमंत्री बनीं, तब भी बुधवार ही था।
प्रभावी व्यक्तित्व : हाल ही में एमएसएन द्वारा जारी वर्ष 2007 की सबसे प्रभावी व्यक्तित्व वाली महिलाओं की सूची में बेनजीर भुट्टो को भी शामिल किया गया है। एमएसएन का मानना है कि बेनजीर भुट्टो इतिहास को बदल देने वाली एक ऐसी महिला हैं, जिसने मुश्किलों का डटकर सामना किया है।
सूची में शामिल महिलाएँ : * पद्मा लक्ष्मी * जेके रोलिंग * हिलेरी रोधम क्लिंटन * एलिजाबेथ हेसलबेक * केरी अंडरवुड * मिले सायरस * एलिस टेम्पेरले * सारा जेसिका पार्कर * वेरा वांग और इरिन फेदरस्टोन * लेह कॉफमेन