भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर के एक निजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को अनावश्यक रूप से गहन चिकित्सा कक्ष में मरीजों को भर्ती करने और भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने सहित विभिन्न अनियमिताओं के चलते आयुष्मान भारत योजना से निलंबित कर दिया गया है। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र इंदौर को योजना से निलंबित कर दिया गया है।
आयुष्मान भारत निरामयम मध्यप्रदेश की ओर से मंगलवार को जारी निलंबन आदेश में कहा गया कि आयुष्मान योजना में किए गए एमओयू (समझौता ज्ञापन) का अनुपालन नहीं करने, योजना का अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से अनियमितता करने के लिए इंडेक्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र इंदौर को योजना से निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई के चलते अस्पताल अब योजना के तहत लोगों का इलाज नहीं कर पाएगा।
आयुष्मान भारत, केंद्र सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य योजना है। इसके तहत सरकार पूरे देश में 10 करोड़ परिवारों या 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करती है। नागरिकों को उपचार प्रदान करने के लिए सैकड़ों निजी अस्पताल इसके तहत सूचीबद्ध हैं और वे सरकार से खर्च का दावा करते हैं।
मध्यप्रदेश स्वास्थ्य प्राधिकरण की ऑडिट टीम ने इस महीने के पहले सप्ताह में इंडेक्स अस्पताल का निरीक्षण किया था और वहां गंभीर खामियां पाई थीं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि योजना के तहत अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए कई गलतियां की गईं। इसमें कहा गया है कि अस्पताल ने 500 मरीजों को भर्ती करने का दावा किया था जबकि वास्तविक संख्या केवल 76 थी। शेष मरीजों के संबंध में अस्पताल प्रशासन द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
ऑडिट टीम ने आईसीयू में उन रोगियों को पाया जिन्हें वहां प्रवेश और गहन देखभाल की आवश्यकता ही नहीं थी तथा उन्हें अनावश्यक तौर से आईसीयू में भर्ती कराया गया था। यह भी पाया गया कि आवश्यकता नहीं होने के बाद भी रोगी अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहे।
सरकारी बयान में कहा गया है कि जहां सामान्य बीमारियों के मरीज भी अस्पताल में भर्ती पाए गए, वहीं अस्पताल ने योजना का अनुचित वित्तीय लाभ लेने के लिए एक मरीज के कार्ड पर कई अन्य मरीजों का भी उपचार किया।(भाषा)