उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बने नीतीश नीत धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन में सपा के लिए पहले एक भी सीट नहीं देने और बाद में छोड़ी गई तीन सीटें राकांपा के अस्वीकार कर दिए जाने पर उक्त सीटों के साथ लालू ने अपनी दो सीटें (कुल पांच) सपा को दी थी जिसे लेने से इंकार करते हुए उसने महागठबंधन से नाता तोडकर राकांपा सहित चार अन्य दलों के साथ मिलकर तीसरे मोर्चे का गठन कर लिया था।