जिस तरह से दंगल और सीक्रेट सुपरस्टार जैसी फिल्मों ने चीन में व्यवसाय किया है उससे भारतीय फिल्मकारों की आंखें चौंधिया गई हैं। भेड़चाल के लिए मशहूर फिल्म उद्योग के सभी छोटे-बड़े निर्माता अपनी फिल्म को चीन में रिलीज करना चाहते हैं। व्यवसाय के मामले में चीन की नीतियां अलग हैं। इस देश में गैर चीनी फिल्मों का कोटा निर्धारित है। एक निश्चित संख्या में ही वहां गैर चीनी फिल्मों का प्रदर्शन होता है। इस सख्ती के कारण भारत की हर फिल्म का वहां पर प्रदर्शन हो पाना मुश्किल है।
अजय देवगन को लेकर 'रेड' नामक फिल्म बनाने वाले भूषण कुमार अपनी फिल्म को चीन में प्रदर्शित करना चाहते हैं। भूषण के प्रयास यदि सफल हो जाते हैं तो यह अजय देवगन की चीन में प्रदर्शित होने वाली यह पहली फिल्म होगी। चीन में इस समय आमिर खान सबसे लोकप्रिय भारतीय हीरो हैं। उनकी दंगल और सीक्रेट सुपरस्टार ने हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कलेक्शन किया। इसी वजह से उनकी भारत में सुपरफ्लॉप रही 'ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान' भी चीन में बिना किसी बाधा के रिलीज होने जा रही है। भारत में फिल्म के असफल होने के कारण 'ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान' के मेकर्स को उतनी रकम नहीं मिल रही है जितनी रिलीज के पहले तय हुई थी। चीन वाले लाभ में से बहुत कम हिस्सा विदेशी फिल्मकारों को देते हैं।
अजय की 'रेड' ने भारत में अच्छा व्यवसाय किया था। यह एक ईमानदार इनकम टैक्स ऑफिसर की कहानी है जो ईमानदारी और सच के रास्ते पर चलता है और एक भ्रष्ट नेता के घर पर छापा मारता है। फिल्म में सत्य की विजय दिखाई गई थी। भारतीय फिल्मकारों का मानना है कि चीन के दर्शकों को यह फिल्म जरूर पसंद आएगी क्योंकि दोनों देश कई मामले में एक जैसे हैं।
हाल ही में हुए एक चीन फिल्म फेस्टिवल में 'रेड' दिखाने में इसके निर्माता कामयाब हुए। फिल्म न केवल पसंद की गई बल्कि अजय देवगन को बेस्ट फॉरेन एक्टर का अवॉर्ड भी मिला। अजय का भारत में होने वाले फिल्म पुरस्कारों पर विश्वास नहीं है। वे इनसे दूरी ही बना कर रखते हैं। आमतौर पर इन पुरस्कारों में उन्हीं कलाकारों को अवॉर्ड दिया जाता है जो स्टेज पर परफॉर्म करते हैं और अजय का इस बात पर यकीन नहीं है। इसी कारण उन्होंने इन फूहड़ पुरस्कार समारोहों से दूरी बना कर रखी है, लेकिन चीन में मिले अवॉर्ड में इस तरह की कोई मिलावट नहीं है।