2) जोरदार एक्शन
लंबे समय बाद एक्शन मूवी रिलीज हुई। टाइगर जिंदा है में सलमान का एक्शन था, लेकिन बागी 2 का एक्शन इससे बहुत अलग है। बागी 2 के एक्शन को जस्टिफाई करने के लिए पहले अच्छी कहानी गढ़ी गई और एक्शन के लिए इस तरह जगह बनाई गई कि यह ठूंसा हुआ नहीं लगे। एक्शन में नवीनता देखने को मिली। हर एक्शन सीन में नई और अनोखी बात देखने को मिली।
4) कमजोरियों पर काबू
फिल्म की स्क्रिप्ट में कई कमियां थीं। जब रहस्य खुलता है तो दर्शकों को खास मजा नहीं आता। इंटरवल के बाद फिल्म फिसलती नजर आती है, लेकिन इसके बावजूद दर्शक फिल्म से बंधे नजर आते हैं। निर्देशक ने अपनी स्क्रिप्ट की कमियों को बखूबी छिपाते हुए फिल्म को मनोरंजक बनाया है। जब कमजोरियां दिखने लगती है तब तक अस्सी प्रतिशत फिल्म खत्म हो चुकी होती है इसलिए यह ज्यादा अखरता नहीं है।
5) सपोर्टिंग कास्ट
फिल्म में मनोज बाजपेयी, रणदीप हुड्डा, प्रतीक जैसे दमदार कलाकार हैं जो अपनी उपस्थिति और अभिनय से फिल्म को उठा देते हैं। ये किरदार बेहद अच्छे लिखे गए हैं और सभी के पहले सीन पर खासी मेहनत की गई है। फिल्म का जब-जब ग्राफ गिरता है ये अपने मजबूत अभिनय से फिल्म को सहारा दे देते हैं।