चांदनी, लम्हे और डर जैसी फिल्मों में आदित्य चोपड़ा अपने पिता यश चोपड़ा के सहायक निर्देशक थे और इसी दौरान उन्होंने कई स्क्रिप्ट लिखना शुरू किया। कई कहानियां उन्होंने लिखी जिसमें से मोहब्बतें उन्हें पसंद आई। उन्होंने अपने पिता को मोहब्बतें की कहानी दिखाई। यश ने आदित्य से कहा कि तुम इस फिल्म से अपना करियर शुरू करो। पर बात बन नहीं बन पाई। मोहब्बतें को आदित्य ने बाद में बनाया।
इसी दौरान उन्होंने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे भी लिखी थी। कुछ लेखकों की भी मदद ली। आदित्य उस दौर की टिपीकल बॉलीवुड फिल्मों से कुछ अलग लिखना चाह रहे थे। उस दौर में फिल्मों में प्रेमी-प्रेमिका अपने माता-पिता से शादी की इजाजत न मिलने पर घर से भाग जाया करते थे। आदित्य ने ट्विस्ट ये दिया कि प्रेमी, प्रेमिका के पिता से इजाजत मिलने पर ही शादी करना चाहता है। यह नया एंगल सभी को पसंद आया।
आदित्य चाहते थे कि दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे को उनके पिता यश चोपड़ा निर्देशित करें, लेकिन यश ने कहा कि आदित्य को ही इसे बनाना चाहिए।
आदित्य चोपड़ा ने पहली बार इसे एक भारतीय और एक अमेरिकी के रिश्ते के आधार पर लिखा था। वे टॉम क्रूज को राज के रोल के लिए साइन करना चाहते थे। यश चोपड़ा ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया। वे नहीं चाहते थे कि कोई विदेशी कलाकार यह फिल्म करें। उन्हें लगा कि भारतीय दर्शक विदेशी हीरो को स्वीकार नहीं पाएंगे। उन्होंने एनआरआई कैरेक्टर को लेकर फिल्म को बनाने का निश्चय किया।
आदित्य ने सबसे पहले शाहरुख खान को यह रोल ऑफर किया जो यश चोपड़ा के साथ डर कर चुके थे। शाहरुख को आदित्य पर ज्यादा भरोसा नहीं था। उन्हें लगा कि बड़े बाप का बेटा है इसलिए वह भी निर्देशक बन कर अपना शौक पूरा कर रहा है। साथ ही वे विलेन के रूप में डर और बाजीगर जैसी सुपरहिट फिल्म दे चुके थे। वे इतनी रोमांटिक फिल्म नहीं करना चाहते थे। उन्होंने आदित्य के ऑफर को ठुकरा दिया।
आदित्य इसके बाद सैफ अली खान के पास गए और उन्होंने भी यह फिल्म करने से मना कर दिया। आमिर खान ने भी फिल्म ठुकरा दी। सलमान खान ने भी फिल्म की कहानी सुनी, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। हारकर आदित्य फिर शाहरुख के पीछे गए। शाहरुख उन्हें टालते रहे, लेकिन आदित्य ने हार नहीं मानी।
आदित्य ने शाहरुख को कहा कि यदि वे सुपरस्टार बनना चाहते हैं तो उन्हें ऐसी फिल्म करना होगी जिसका किरदार हर मां का ड्रीम सन हो, हर युवती का ड्रीम मैन हो। इसी बीच सलमान ने भी शाहरुख से कहा कि उन्हें यह फिल्म करना चाहिए क्योंकि यह खूब चलेगी। शाहरुख को भी स्क्रिप्ट में उनकी और गौरी खान की प्रेम कहानी नजर आई। आखिरकार वे मान गए।
इसके बाद फिल्म की शूटिंग पूरी हुई। यश चोपड़ा एक भी बार सेट पर नहीं आए और न ही उन्होंने फिल्म का कोई अंश देखा। किसी को पता नहीं था कि आदित्य इतिहास बनाने जा रहे हैं।
20 अक्टूबर 1995 को फिल्म रिलीज हुई और बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया। आम दर्शकों से लेकर तो फिल्म समीक्षकों को यह पसंद आई। इस फिल्म के बाद शाहरुख लड़कियों के ड्रीम मैन बन गए और रोमांस के बादशाह कहलाने लगे। मुंबई के एक सिनेमाघर में यह फिल्म वर्षों से चल रही है और इसने एक कीर्तिमान बना दिया है।