Alka Yagnik Birthday: बॉलीवुड की फेमस सिंगर अलका याज्ञनिक 20 मार्च को अपना 58वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं। अलका का जन्म कोलकाता में एक मध्यम वर्गीय गुजराती परिवार में हुआ। उनकी मां शुभा याज्ञनिक शास्त्रीय संगीत गायिका थीं। घर में संगीत का माहौल होने के कारण अलका याज्ञनिक की रूचि भी संगीत की ओर हो गई और वह महज छह वर्ष की उम्र से ही अपनी मां से संगीत की शिक्षा लेने लगीं।
राजकपूर ने अलका के गाने से प्रभावित होकर उन्हें संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल से मिलने की सलाह दी। लक्ष्मीकांत- प्यारेलाल भी अलका के पार्श्वगायन से काफी प्रभावित हुए और उनसे कहा कि अभी उनकी उम्र अभी काफी कम है। वह अभी बतौर डबिंग कलाकर काम कर ले बाद में वयस्क होने पर वे उन्हें पार्श्वगायिका के रूप में काम करने का मौका देंगे।
अलका ने पार्श्वगायिका के रूप में अपने सिने करियर की शुरूआत 1979 में रिलीज फिल्म 'पायल की झंकार' से की। इस फिल्म में उन्हें एक गीत की कुछ पंक्तियां गाने का अवसर मिला। इसके बाद उन्हें फिल्म 'हमारी बहू अलका' में भी पार्श्वगायन का अवसर मिला लेकिन कमजोर पटकथा और दोयम दर्जे के संगीत के कारण यह फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई।
अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म लावारिस में अलका ने मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है गीत गाया जो श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। इस गीत की सफलता के बाद अलका पार्श्वगायिका के रूप में कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गई लेकिन उन्हें अब तक वह मुकाम हासिल नहीं हुआ था जिसके लिए वह सपनों के शहर मुंबई आई थीं।
लगभग आठ वर्ष तक मुंबई में संघर्ष करने के बाद 1988 में एन चंद्रा की अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित अभिनीत फिल्म तेजाब में अपने गीत 'एक दो' की सफलता के बाद वह पार्श्वगायिका के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गईं। वर्ष 1989 में अलका के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म कयामत से कयामत तक प्रदर्शित हुई जिसमें उन्होंने उदित नारायण के साथ ऐ मेरे हमसफर, अकेले है तो क्या गम है और गजब का है दिन सोंचो जरा जैसे सुपरहिट युगल गीत गाए जो श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुए।
इन फिल्मों की सफलता के बाद अलका को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए। वर्ष 1994 उनके सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी सुपरहिट फिल्म हम है राही प्यार के प्रदर्शित हुई। इस फिल्म के लिये उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके बाद 1999 में प्रदर्शित फिल्म कुछ कुछ होता है के लिए भी उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अलका अपने सिने करियर में अब तक सात बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकी हैं। माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी, काजोल और जूही चावला जैसी नामचीन अभिनेत्रियों की आवाज कही जाने वाली अलका ने चार दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में हिन्दी के अलावा अवधी, गुजराती, उड़िया, राजस्थानी, नेपाली, बंगला, भोजपुरी, पंजाबी, मराठी, तेलुगू, तमिल, मणिपुरी, अंग्रेजी और मलयालम फिल्मों के गीतों के लिए भी अपना स्वर दिया है।