सलमान खान ने अपनी पिछली कुछ फिल्मों से दर्शाया कि वे भी बदलाव चाहते हैं। फॉर्मूलाबद्ध फिल्मों के बजाय कुछ अलग करना चाहते हैं ताकि दर्शकों को मनोरंजन के साथ कुछ नया देखने को मिले।
सुल्तान में उन्होंने एक पहलवान की भूमिका अदा की और कुश्ती के दांवपेंच सीखे। बजरंगी भाईजान में उन्होंने एक भले आदमी का रोल अदा किया जो एक छोटी बच्ची को उसके देश पहुंचाने के लिए जान की बाजी लगा देता है। टाइगर जिंदा है के एक्शन रोल के लिए सलमान ने अपने आपको ढाला।
ट्यूबलाइट में भी कुछ अलग करने का प्रयास किया। हालांकि इस फिल्म को सफलता नहीं मिली, लेकिन अन्य फिल्मों ने रिकॉर्डतोड़ सफलता हासिल की। इससे सलमान की अभिनेता के रूप में भी छवि निखरी और उनके स्टारडम को नई ऊंचाइयां मिली।
लगा कि सलमान ने दबंग, किक, बॉडीगार्ड जैसी फाल्तू फिल्मों से छुटकारा पा लिया है, लेकिन यह भ्रम ही साबित हुआ क्योंकि सलमान की एक बकवास फिल्म 'किक' का सीक्वल बनने जा रहा है।
2014 में रिलीज हुई किक एक तेलुगु फिल्म का हिंदी रिमेक है जिसमें सलमान ने देवी लाल सिंह और डेविल के रोल अदा किए थे। यह फिल्म बेहद लचर थी। न कहानी का ठिकाना था और न निर्देशन का। इस फिल्म के जरिये निर्माता साजिद नाडियाडवाला ने भी अपनी निर्देशक बनने की हसरत पूरी कर ली। सलमान के स्टारडम के आगे निर्देशक कितना बौना साबित हो जाता है, इसकी मिसाल है 'किक'।
सलमान के स्टारडम के कारण फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही। कलेक्शन 200 करोड़ से ज्यादा के रहे। आज तक करण जौहर के खाते में 200 करोड़ का व्यवसाय करने वाली कोई फिल्म जमा नहीं है, लेकिन साजिद को पहली ही फिल्म से यह स्थान मिल गया। सलमान से फिल्म को निकाल दिया जाता तो फिल्म बॉक्स ऑफिस पर पानी भी नहीं मांगती।
अहम सवाल यह है कि सलमान इस बकवास फिल्म का सीक्वल क्यों कर रहे हैं? जब उन्हें सुल्तान, टाइगर जिंदा है, बजरंगी भाईजान जैसी फिल्मों के जरिये सफलता मिल रही है तो किक 2 करने की क्या जरूरत है?