सनी देओल ने भले ही 'जिद्दी' नामक फिल्म की हो, लेकिन उनको नजदीक से जानने वालों का कहना है कि वे बिलकुल जिद्दी नहीं हैं, लेकिन बेटे के मोह में न चाहते हुए भी सनी ऐसी जिद कर बैठे कि करण के करियर की शुरुआत उन्होंने बुरी तरह बिगाड़ दी। खुद सनी को भी पता नहीं होगा कि वे ऐसी जिद में गलत राह पर चल पड़े थे।
स्टार सन्स को लेकर दर्शकों में खासी उत्सुकता रहती है, खासतौर पर कोई बड़े सितारे का बेटा यदि फिल्मों में कदम रख रहा हो। जब सनी ने फिल्मों में कदम रखा था तो दर्शकों में धर्मेन्द्र के बेटे को देखने के लिए उत्सुकता थी और इस उत्सुकता को धर्मेन्द्र ने अच्छी तरह भुनाया और सनी को स्टार बना दिया।
धर्मेन्द्र ने जावेद अख्तर जैसे स्टार राइटर से फिल्म लिखवाई। राहुल रवैल जैसे उभरते निर्देशक को फिल्म की बागडोर सौंपी। आरडी बर्मन जैसे दिग्गज संगीतकार से मधुर गाने बनवाए और 'बेताब' सुपरहिट रही। इसके बाद सनी ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
पहली फिल्म यदि चल जाती है तो काम बहुत आसान हो जाता है। पहली फिल्म फ्लॉप हो गई हो तो बहुत मुश्किल हो जाती है। ये माना जाता है कि दर्शकों ने स्टार सन को स्वीकार नहीं किया।
सनी ने करण के मामले में जिद ये कर ली कि 'पल पल दिल के पास' का निर्देशन वे करेंगे। सनी निर्देशक के रूप में कोई तीर नहीं मार पाए। बरसों पहले उन्होंने 'दिल्लगी' नामक फिल्म बनाई थी जिसमें सनी, बॉबी और उर्मिला थे। फिल्म खास व्यवसाय नहीं कर पाई।
इसके बाद सनी ने 'घायल वंस अगेन' बनाई जो फ्लॉप रही। इसके बाद भी सनी नहीं संभले और करण की पहली फिल्म के डायरेक्शन की कमाल संभाल ली।
दरअसल सनी को किसी और निर्माता-निर्देशक पर विश्वास ही नहीं था। कुछ निर्माता-निर्देशक करण को लांच करना चाहते थे, लेकिन सनी ने रूचि नहीं दिखाई।
सनी को लगा कि कोई करण को वैसे नहीं लांच कर पाएगा जैसा कि उन्होंने सोचा है। वे अति आत्मविश्वास के शिकार हो गए या फिर वे करण की कमियां जानते थे। उन्हें महसूस हो गया था कि करण ने अभिनय की दुनिया में उतरने के पहले कोई पूरी तैयारी नहीं की है। लिहाजा उसकी कमजोरियां उजागर न हो जाए इसलिए वे खुद निर्देशक बन बैठे।
पल पल दिल के पास के लिए सनी ने जिस तरह की कहानी चुनी वो घिसी-पिटी है। सनी फिल्म इंडस्ट्री से हैं, लेकिन उन्हें यह पता ही नहीं कि दर्शक इस तरह की कहानियों को बरसों पहले ही रिजेक्ट कर चुके हैं।
पल पल दिल के पास में कुछ भी ऐसा नहीं था जो तारीफ के योग्य हो। असफलता का सारा दोष सनी पर ही जाता है क्योंकि वे निर्देशक हैं। करण तो नए हैं। उन्होंने वही फॉलो किया जो उन्हें बताया गया।
सनी की जिद करण पर भारी पड़ गई है जिससे उबरने में उन्हें वक्त लगेगा।