सिनेमाघर वाले इस समय 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' का शुक्रिया अदा कर रहे हैं कि मार्च में महीने में उन्हें अच्छी कमाई का अवसर इस फिल्म ने दे दिया है। परीक्षा और होली के कारण इस महीने को व्यवसाय के हिसाब से ठंडा माना जाता है। मार्च के शुरुआत में आई 'कमांडो 2' ने सिंगल स्क्रीन को थोड़ी राहत दी, हालांकि यह फिल्म पहले वीकेंड के बाद ही बैठ गई थी। बद्रीनाथ की दुल्हनिया ने सप्ताह भर तक सिनेमाघरों को आबाद रखा है और दूसरे सप्ताह में भी यह फिल्म थोड़ी भीड़ तो खींच ही लेगी।
मार्च के महीने में छोटे बजट और कलाकारों की फिल्मों की पौ-बारह हो जाती है। इन फिल्मों को रिलीज होने का अवसर मिल जाता है। थिएटर आसानी से मिल जाते हैं। 17 मार्च को एक-दो नहीं, पूरी सात फिल्में प्रदर्शित हो रही हैं। अब कौन किसका गला काटता है यह तो रिलीज होने के बाद ही पता चलेगा। मशीन, आ गया हीरो, ट्रैप्ड, मंत्र, जुनून- वंस अपॉन ए टाइन इन कलकत्ता, ब्यूटी एंड द बीस्ट (डब) और प्लेनेट ऑफ अवतार (डब) रिलीज होने वाली हैं।
कई हिट फिल्म बनाने वाले अब्बास-मस्तान 'मशीन' लेकर आ रहे हैं। प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं, लेकिन अब तक दर्शकों की फिल्म में दिलचस्पी नहीं जागी है। इस फिल्म से मुस्तफा बर्मावाला अपनी पारी शुरू करने जा रहे हैं। 'आ गया हीरो' के जरिये गोविंदा अपनी वापसी कर रहे हैं। उनका मार्केट कब का खत्म हो गया है, लेकिन गोविंदा पर जिद सवार है। वर्षों से अटकी फिल्म 17 मार्च को प्रदर्शित होने जा रही है। रिलीज हो जाए तो ही मानिएगा क्योंकि कई बार फिल्म आगे बढ़ा दी गई है। इस फिल्म से कोई उम्मीद नहीं है।
ट्रैप्ड मल्टीप्लेक्स वालों के लिए है। एक शख्स ऊंची बिल्डिंग में फंस जाता है। न खाने को है न पीने को। बिजली भी नहीं है। कैसे वह बाहर निकलता है यह थ्रिल इस फिल्म में हैं। अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवाने, राजकुमार राव जैसे लोग इस फिल्म से जुड़े हैं, लिहाजा अच्छी फिल्म की उम्मीद तो इससे बंधती है। मंत्र और जुनून- वंस अपॉन ए टाइम इन कलकत्ता के नाम तो बहुत कम ने सुने होंगे।