हमेशा चुनिंदा फिल्में ही करता हूँ-राहुल खन्ना

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दीपा मेहता की 'अर्थ' में राहुल खन्ना ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से सबको प्रभावित कर दिया था। इन्होंने हमेशा वैसी ही फिल्मों में काम किया है, जो चुनौतीभरी हो। राहुल ने अपने करियर की शुरूआत भी दीपा मेहता की फिल्म से ही की थी। जिस तरह दीपा मेहता के साथ काम करने का अनुभव रहा, वैसा ही अनुभव नए निर्देशक अनुराग सिंह के साथ भी रहा। इनकी अगली फिल्म 'रकीब' प्रदर्शन को पूरी तरह तैयार है। आइए उनसे जानते हैं इस फिल्म के बारे में-

* 'एलन' फिल्म के बाद से आप फिल्मों से दूर हो गए थे।
-मैं इस दौरान काफी लोगों से मिला। जगह-जगह घूमा भी और कुछ विज्ञापनों में भी काम कर रहा था। मैं कई अन्य कामों में व्यस्त था। इसी बीच 'रकीब' में अभिनय का ऑफर मिला। स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद लगा कि इसमें काम करना काफी मजेदार रहेगा और मैंने हाँ कह दी।

* क्या 'रकीब' आपकी वापसी के लिए बेहतर साबित होगी?
-'रकीब' खून की साजिश के ईर्द-गिर्द घूमती कहानी है, जिसमें कई चौंकने वाले मोड़ भी आते हैं। पुरानी फिल्मों में जिस तरह षड्यंत्र पर आधारित फिल्में बनती थीं, यह फिल्म भी कुछ उसी तर्ज पर बनी है। लेकिन नई तकनीक और कुछ अचम्भित करने वाले दृश्यों के साथ फिल्म आज के दौर के अनुसार लगती है।

* रकीब शब्द का क्या मतलब है?
-रकीब का मतलब है दुश्मनी।

* और फिल्म में आपके दुश्मन कौन-कौन हैं?
-फिल्म में मैं कम्प्यूटर का बिजनेस करता हूँ, और इस क्षेत्र मैं एक जाना-पहचाना नाम हूँ। फिल्म में श्रमण जोशी ने मेरे सबसे करीबी दोस्त की भूमिका निभाई है। वही मुझे तनुश्री से मिलाता है। हमारा प्यार पनपता है और हम शादी के बंधन में बँध जाते हैं। लेकिन वो मेरा खून कर देती है। श्रमण मेरे खून के पीछे रची गई साजिश का पर्दाफाश करते हैं।

* अनुराग सिंह के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
-बतौर निर्देशक यह उनकी पहली फिल्म है। वे अपने काम के प्रति समर्पित एक अच्छे निर्देशक हैं। अनुराग काफी समय तक सहायक निर्देशक के रूप में काम करते रहे हैं। वे कभी भी समय बर्बाद नहीं करते और हर काम को फटाफट अंजाम देते हैं।

* क्या फिल्म की कहानी 'हमराज' से मिलती-जुलती है।
-ऐसा क्यों होगा?

*क्या आपकी कोई और फिल्म भी बन रही है?
-अभी ऐसा कुछ नही है।

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