मां बनने के बाद मेरी बहुत इच्छा थी कि मैं अपना सारा समय अपने बच्चों को दूं और उनको बड़ा करूं। इसलिए यह सिर्फ और सिर्फ मेरी निजी राय है कि अगर मैंने उन्हें जन्म दिया है तो मुझे उनका लालन-पालन भी करना चाहिए। इसलिए मैंने एक तरीके से अपने फिल्मी करियर से ब्रेक ले लिया और ये ज़रूरी इसलिए था क्योंकि जिस तरीके से और जो गति के साथ मैं अपने काम करती थी उस गति के साथ मैं अपने बच्चों को समय नहीं दे पाती।
यह निर्णय लेने के पहले मैंने तुम अजय से पूछा भी नहीं। और मुझे याद नहीं मैंने किसी से भी पूछा हो? मुझे लगा मैंने जन्म दिया है बच्चे को तो मेरी जिम्मेदारी बनती है कि उनको पाल-पोस कर बड़ा करूं- ये कहना है काजोल का जिनकी फिल्म 'सलाम वेंकी' रिलीज हुई है जिसमें वह एक बहुत ही सशक्त मां के रूप में नजर आ रही हैं।
आपके घर में मां हो या नानी हो, हमेशा वर्किंग मदर रही हैं तो ऐसे में वैंकी की मां की भूमिका निभाने में मदद मिली?
जब नीसा पैदा हुई थी तो 3 साल तक मैंने कुछ भी नहीं किया था। पूरा ध्यान उस पर दिया था। एक मां किन-किन सोच के साथ गुजरती है कि मुझे मालूम था। मुझे आज भी याद है जब नीसा 10 या 11 महीने की थी तो मेरी सास ने मुझे आकर कहा कि बेटा काम करना तो बहुत जरूरी है। यह नहीं सोचो कि तुम्हारी बेटी हो गई है और अब तुम मां बन गई हो तो काम नहीं करना है। तुम नीसा की टेंशन मत लो, चिंता मत करो, हम सब हैं उसे संभालने के लिए। तुम अब अपने काम के बारे में सोचो। मुझे लगता है कि मैं कितनी खुश किस्मत हूं। एक तरफ जहां मेरी मां है, मेरी नानी है तो वहीं पर मेरे पास अपनी सास है अपनी ननद है जो एक हाउसवाइफ है और मुझे हर तरीके से वह मदद करना चाहते हैं और यह सब बातें अपने दिमाग में रखी।
विशाल ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि वह पहले दिन से अभी तक आपसे सब डर रहे हैं।
हां, मैंने डर कायम भी रखा है। डरना भी चाहिए, छोटा है (हंसते हुए)। पहला दिन जो हमारे शूट का था, वह व्हीलचेयर पर बैठा था। मैंने उससे पूछा, आपका नाम क्या है तो वह वह थोड़ा सा सकुचाते हुए बोला कि आप मुझे वैंकी ही बोलिए। फिर मैंने ज़ोर से पूछा, अरे तेरा नाम क्या है? मुझे तुझे स्क्रीन नेम से नहीं जानना है। असली नाम बताओ। यह हमारी पहली मुलाकात रही थी।
काजोल आप तो कई अलग-अलग रोल कर सकती है। फिर क्यों ऐसा होता है कि आप मां वाले रोल ही ज्यादा निभा रही है?
ऐसा नहीं है कि मैं सिर्फ मां वाले रोल ही करना चाहती हूं। मुझे आगे चल के एक कॉमेडी फिल्म करने की इच्छा है। मैं बहुत ज्यादा चूजी और पिकी हूं। कोई अच्छी स्क्रिप्ट आएगी अलग तरीके का रोल आएगा तो मैं बिल्कुल तैयार हूं।
सोशल मीडिया पर जो नेगेटिव कमेंट आते हैं उनको किस तरीके से देखती हैं आप?
सोशल मीडिया पर हैं तो कमेंट आएंगे, ट्रोलिंग होगा। किसी ना किसी को कोई चीज पसंद नहीं आएगी वह लिखेगा। मैं यह सोचती हूं कि उसके ऊपर अच्छे कमेंट भी हैं। लोगों ने तारीफ भी की है। यह सब तो छोड़िए मैं आपको कोविड की ही बात बता देती हूं। कोविड-19 के दौरान हम कितने करीब हो गए थे। एक दूसरे के बारे में सोच रहे थे। मुझे याद है लोग आगे आ रहे थे। मैंने लोगों के दिल की और आत्मा के दयालु भाव को देखा है। बहुत सारे लोगों ने कोविड मरीज और उनके घर वालों के लिए फ्री में डब्बा सर्विस शुरू की है। लोग घर के अंदर ही थे, लेकिन यह कह रहे थे कि हम लोगों की मदद करना चाहते हैं।
पूरे समय में इतना प्यार दिया है लोगों ने कि मेरा मन कृतज्ञता से भर गया है। लोग पूछते हैं जब फिल्में नहीं चल रही है तो मैं सोचती हूं कि सब को दरकिनार कीजिए और अब सोचिए पहली बार ऐसा सालों में हुआ है कि हम एक दूसरे के बारे में सोच रहे थे। यह वह समय था जब हमें लोगों के बारे में सोचने का, एक दूसरे से जुड़ने का मौका मिला। (यह कहते हुए काजोल की आंखें भीग गई और गला भी भर आया) Edited By : Ankit Piplodiya