"ड्रीम गर्ल नाम इसलिए रखा क्योंकि एक तो ये टाइटल लोगों ने सुन रखा था और इसमें आयुष्मान वह शख्स है जिससे फिल्म में चार-पाँच लोग मिलने की आरज़ू रखते हैं। ये नाम हमारी फिल्म पर बिल्कुल ठीक बैठ रहा था।
होता है ना कि आप किसी लड़की से प्यार तो करना चाहते हैं लेकिन कभी मिले नहीं तो उसे क्या कहेंगे? ड्रीम गर्ल ही कहेंगे। हम पहले कुछ दूसरे नाम भी तय कर चुके थे, लेकिन जैसे ही ये नाम सामने आया हमने रख लिया।"
हाल ही में रिलीज हुई 'ड्रीम गर्ल' भले ही निर्देशक राज शांडिल्य की पहली फिल्म हो, लेकिन इन साहब का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपनी लेखनी की वजह से पहले ही दर्ज हो चुका है। राज ने 'कॉमेडी सर्कस' के कई एपिसोड लिखे और फिर कपिल शर्म के साथ जुड़ने के बाद उनके शोज़ लिखने लगे।
दोस्त की आपबीती
'ड्रीम गर्ल' के बारे में बात करते हुए राज ने वेबदुनिया को बताया, "इसका आइडिया कहीं किसी से प्रेरित नहीं है बल्कि ये तो खुद मेरे एक दोस्त की आपबीती है। मैं पढ़ाई कर रहा था और उम्र कुछ 21 साल की रही होगी।
उस समय ऑरकुट नाम का एक सोशल नेटवर्किंग साइट था। उसमें मेरे एक दोस्त की बातचीत एक लड़की से हो गई और वो आपस में ऐसी बातें करते थे जो मैं नहीं कर पाता था।
मैंने उससे पूछा कि कभी मिला भी है उस लड़की से, तो उसने कहा दो दिन बाद हम मिल रहे हैं। बस दो दिन बाद जब मिला तो बताया कि वो तो लड़का था जो लड़की की आवाज़ में बात कर रहा था।
मैं उस बात को भूल गया था। थोड़े दिनों पहले की बात है जब 'वेलकम बैक' लिख रहा था तब मुझे लगा कि फ़ेसबुक या आम सोशल नेटवर्किंग साइट पर ये सब चलता रहता है नाम बदल कर बात करना या चैट करना तो इस पर ही फिल्म बना दी जाए।"
पहली और आखिरी पसंद आयुष्मान
आयुष्मान कब जुड़े इस फिल्म से? क्या वे आपकी पहली पसंद थे? पूछने पर राज कहते हैं 'बिलकुल। मैंने लिखते समय ही सोच लिया था कि मैं आयुष्मान को कास्ट करने वाला हूं। वे मेरी पहली और आखिरी पसंद थे। वैसे भी वे आरजे और वीडियो जॉकी रह चुके हैं तो उनकी वॉइस मॉड्यूलेशन पर परेशानी हुई ही नहीं। सीता या पार्वती जैसे रोल के लिए एकदम परफेक्ट रहे। हां, राधा के लिए वो थोड़े वज़नी रहे, लेकिन ठीक है।'
मैं लकी हूं आयुष्मान के लिए
आयुष्मान तो अब राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त एक्टर हैं। लकी रहेगा फिल्म के लिए? राज जवाब देते हैं 'जब मैंने उनके साथ ये फिल्म शुरू की थी तो ना तो उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था, ना उनकी 'बधाई हो' आई थी, ना 'अंधाधुंध' रिलीज हुई थी। ये भी तो हो सकता है कि मैं लकी हूँ उनके लिए।'
कपिल शर्मा का अच्छा और बुरा समय
अब बात कपिल शर्मा की। राज से पूछते हैं- आपने कपिल के साथ इतना करीब रह कर काम किया है। उनके बुरे समय को भी आपने देखा होगा? क्या कहना चाहेंगे?
राज बताते हैं 'मैंने कपिल के साथ लंबे समय तक और बहुत सारा काम किया है। मैंने कपिल को हमेशा कहा है कि तुम जिस तरह काम कर रहे हो, तुम्हें लोगों का सम्मान मिलेगा। लोग तुमसे बहुत प्यार करेंगे। बस इस बात का ध्यान रखना कि कहीं उनका दिल ना टूट जाए।
लेकिन हर एक की ज़िंदगी में वो मकाम आता है जब उसे अपने शुभचिंतक से अधिक वो लोग पसंद आने लगते हैं जो शायद आपके लिए सही नहीं हों।
मैं कपिल के साथ तब से हूं जब उसने सफर शुरू किया और ऊंचाइयों पर पहुंचा। फिर जब डाउनफॉल शुरू हुआ तो मैं उसके पहले ही उनसे दूर जाने लगा था क्योंकि मुझे अहसास होने लगा था कि अब यहां सब बिगड़ने वाला है। वो जो लोग कपिल के आस-पास थे वो लोग बहुत अलग थे।'
राज आगे बताते हैं 'जब कपिल डिप्रेशन में आए तो उनके आस-पास के सारे लोग छोड़ कर चले गए। तब कपिल ने कॉल करके कहा कि एक बार फिर से लिखना शुरू करो।
मेरी आदत है कि मैं तब तक समझाता हूं जब तक मुझे लगता है कि वो समझदार है। अति समझदार या ओवर स्मार्ट हो जाए तो मैं समझाना छोड़ देता हूं। कपिल के साथ उस समय ये ही हो गया था।