भारतीय सेना हर साल जिन शहीदों को देती है सलामी, ऐसे वीर जवानों की कहानी 120 बहादुर लेकर आ रहे फरहान अख्तर

WD Entertainment Desk

सोमवार, 30 जून 2025 (16:21 IST)
एक्सेल एंटरटेनमेंट की '120 बहादुर' भारतीय सेना के इतिहास की एक बेहद ताकतवर लेकिन भूली-बिसरी कहानी को बड़े पर्दे पर ला रही है। लद्दाख की बर्फीली वादियों में सेट ये फिल्म 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान रेजांग ला में डटे रहने वाले 13 कुमाऊं रेजिमेंट के 120 जवानों की कहानी है, जो चारों ओर से घिरे होने के बावजूद, पीछे हटे बिना मोर्चा संभाले रहे।
 
इस कहानी के केंद्र में हैं पीवीसी मेजर शैतान सिंह भाटी, जो एक शांत लेकिन दृढ़ संकल्प वाला योद्धा, जिन्होंने ये जानते हुए भी अपने साथियों को जंग में उतारा कि हालात उनके खिलाफ हैं। 18 नवंबर 1962 को इन 120 सैनिकों ने हजार से ज़्यादा दुश्मन सैनिकों का सामना किया। उन्होंने हिम्मत, जज़्बे और ड्यूटी के लिए अपने अटूट समर्पण के साथ लड़ाई लड़ी।
 
करीब तीन महीने बाद जब एक सर्च पार्टी वहां पहुंची, तब जाकर इन जवानों के शव मिले। लगभग सभी 120 सैनिक शहीद हो चुके थे, हाथों में राइफल थामे, अपनी पोज़िशन पर डटे हुए, दुश्मन की तरफ मुंह किए हुए।
 
ये वो कहानी है जिसे भारतीय सेना हर साल याद करती है। हर नवंबर, चुशूल के पास स्थित रेज़ांग ला वॉर मेमोरियल पर इन वीर जवानों को सलामी दी जाती है। लेकिन सेना के दायरे से बाहर बहुत कम लोग इस दिन की गहराई और उस कुर्बानी को वाकई समझ पाते हैं, जो वहां दी गई थी।
 
120 बहादुर के ज़रिए अब वो खामोशी टूट रही है। ये सिर्फ जंग की कहानी नहीं, बल्कि एक अटूट जज़्बे, अनकही बहादुरी और ऐसी कुर्बानी की दास्तान है जिसे याद किया जाना ज़रूरी है। इन वीरों की ये बेमिसाल कहानी 120 बहादुर के ज़रिए ज़िंदा हो उठेगी, जिसमें फरहान अख्तर मेजर शैतान सिंह भाटी पीवीसी की भूमिका निभा रहे हैं। 
 
फिल्म का निर्देशन किया है रज़नीश 'रेज़ी' घई ने और इसे रितेश सिधवानी, फरहान अख्तर (एक्सल एंटरटेनमेंट) और अमित चंद्रा (ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज) ने प्रोड्यूस किया है। एक्सल एंटरटेनमेंट की 120 बहादुर सिनेमाघरों में 21 नवंबर 2025 को रिलीज़ हो रही है।

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