वहीं अब एक इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर से सोनम रघुवंशी केस को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ये दो औरतों ने अपने हसबैंड को मरवा दिया, तो समाज को झझोड़ दिया गया। आए दिन औरतें जिंदा जलाई जाती हैं। तब समाज चुप रहता है, लेकिन जब कोई महिला गु्स्से या मजबूरी मेंकुछ गलत कर बैठती है, तो वहीं समाज चौंक जाता है।
एनडीटीवी के इवेंट में जावेद अख्तर ने कहा, अगर किसी महिला ने शादी के तुरंत बाद ऐसा कदम उठाया है, तो ये जानना जरूरी है कि क्या वो शादी उसकी मर्जी से हुई थी या नहीं। जो उसने किया वो गलत है, लेकिन क्या उस पर शादी का दबाव था? क्या वो शादी उसके लिए जरूरी बना दी गई थी?
जावेद अख्तर ने सवाल उठाते हुए कहा, भारत के किसी छोटे शहर की लड़की अपने माता-पिता से कह सकती है कि वह शादी नहीं करना चाहती? क्या उसे यह हक है? कह सकती है वो… मैं उसे जस्टिफाई नहीं करता किसी का भी मर्डर करना। पति का भी नहीं।
जावेद अख्तर ने कहा, एक दौर था जब बहुओं की मौत प्रेशर कुकर फटने से होती थी। लेकिन सास या उनकी बेटियां कभी नहीं मरीं। क्या ये इत्तेफाक है? कितनी ही महिलाएं सालों से घरेलू हिंसा झेलती आई है- जलाना, पीटना, मानसिक प्रताड़ना ये सब आम हो गया है।