अजय देवगन ने अपने लंबे करियर में हर तरह की फिल्में की हैं। एक्शन, कॉमेडी, रोमांटिक हो या इमोशनल करने वाली फिल्म, अजय ने अपनी छाप छोड़ी है। कमर्शियल फिल्मों के साथ-साथ बीच-बीच में वे ऐसी फिल्में भी करते रहे जो ऑफ बीट कही जाती हैं। बात करते हैं अजय की टॉप 10 फिल्मों की। अजय की ये टॉप फिल्में ऑनलाइन आप कहां देख सकते हैं इसकी जानकारी भी दी गई है।
जख्म (1998)
अजय के घर में सभी धर्मों को सम्मान के साथ देखा जाता है। उसकी मां का अतीत उसे उलझा देता है और उसकी मां की मौत को राजनीतिक मकसदों को पूरा करने का मुद्दा बनाया जाता है।
निर्देशक : महेश भट्ट
कलाकार : अजय देवगन, सोनाली बेन्द्रे, पूजा भट्ट, आशुतोष राणा
हिट गानें : * गली में आज चांद निकला * हम यहां तुम यहां * रात सारी बेकरारी में
क्या है खास?
इस फिल्म के पहले अजय देवगन परदे पर सिर्फ मारामारी करते रहते थे और बतौर अभिनेता उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता था। महेश भट्ट द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अजय का अभिनय उनके श्रेष्ठतम अभिनय में से एक है। इस फिल्म के बाद अजय की मानसिकता बदली और एक्शन हीरो की इमेज से उन्होंने मुक्ति पाई। वे अच्छी फिल्में और अच्छी भूमिकाएँ तलाशने लगे। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
एन नवविवाहित व्यक्ति को पता चलता है कि शादी के पहले से ही उसकी पत्नी किसी अन्य को चाहती है और यह शादी मजबूवरीवश उसने की है। जमाने की परवाह किए बगैर वह अपनी पत्नी को उसके प्रेमी से मिलाने का फैसला करते हुए इटली ले जाता है।
निर्देशक : संजय लीला भंसाली
कलाकार : सलमान खान, ऐश्वर्या राय बच्चन, अजय देवगन
हिट गानें : * चांद छुपा बादल में * निम्बोड़ा * आंखों की गुस्ताखियां * ढोली तारो ढोल बाजे * तड़प-तड़प * हम दिल दे चुके सनम
क्या है खास?
सलमान खान और ऐश्वर्या जैसे सितारों की तुलना में अजय देवगन की भूमिका छोटी थी। इसके बावजूद अजय अपने कुशल अभिनय से दर्शकों के दिलो-दिमाग पर छा गए। उन्होंने एक ऐसे आदर्श पति की भूमिका निभाई जिसे शादी के बाद पता चलता है कि उसकी पत्नी अपने पहले प्रेमी को भुला नहीं पा रही है। वह उसे उसके प्रेमी से मिलवाने की कोशिश करता है। अजय ने अपनी भूमिका पूरी गंभीरता से निभाई। इस फिल्म के बाद उनके प्रशंसकों की संख्या बढ़ गई।
हिट गानें : * मेरा रंग दे बसंती * पगड़ी संभाल जट्टा * सरफरोशी की तमन्ना
क्या है खास?
एक दौर ऐसा आया था जब भगतसिंह पर एक साथ पाँच फिल्में बन रही थीं। उसमें से एक अजय देवगन अभिनीत द लीजेंड ऑफ भगतसिंह भी थी। अजय ने भगतसिंह की आक्रामकता, जुनून और देशप्रेम को सूक्ष्मता के साथ परदे पर पेश किया। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस अमित कुमार को ऐसे शहर भेजा जाता है जहां अपराध की दर बहुत ज्यादा है। अमित कुमार को अपराधियों के साथ-साथ भ्रष्ट अधिकारियों से भी निपटना पड़ता है।
फिल्म में नई बात नहीं है, लेकिन कहानी को कहने का तरीका इसे यादगार बनाता है। अजय देवगन की एक्टिंग इस फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पाइंट है जो दर्शकों को बांध कर रखती है।
तीन दोस्त कई दिनों बाद मिलते हैं। वे विवाहित जीवन से ऊब चुके हैं। विवाहेत्तर संबंध बनाकर वे जीवन में रोमांच भरना चाहते हैं। परिस्थितियां तब खराब हो जाती हैं जब एक हत्या की सुई तीनों के इर्दगिर्द घूमती है।
हिट गानें : *चेन कुली की मेन कुली *चोरी चोरी छोरा छोरी
क्या है खास?
एक शानदार एडल्ट कॉमेडी। एक्शन के साथ-साथ हास्य फिल्मों के प्रति अजय देवगन का झुकाव हमेशा रहा है। इस फिल्म में उनकी कॉमिक टाइमिंग लाजवाब है। बाद में मस्ती के सीक्वल्स भी बने।
ओ. हेनरी की एक लघु कथा पर आधारित। दो प्रेमी मनु और नीरू दुर्भाग्यवश बिछड़ जाते हैं। एक दिन उनकी मुलाकात होती है। वे कैसी जिंदगी जी रहे हैं उस पर बातें करते हैं। नीरू से मनु मदद चाहता है, लेकिन नीरू की हालत तो और भी बदतर है।
अजय देवगन के करियर की एक अलग ही तरह की फिल्म। एक ही घर में सेट, भारतीय सिनेमा के दो बड़े सितारे टिपिकल बॉलीवुड फिल्म से अलग ही अंदाज में। अजय ने ऐसी भावपूर्ण भूमिका बहुत कम निभाई है।
कहां देखें?
ओंकारा (2006)
यह क्राइम ड्रामा शेक्सपीयर के 'ओथेलो' से प्रेरित होकर बनाई गई। लंगड़ा, ओमकारा का उत्तराधिकारी बनने का सपना देखता है, लेकिन केसु को उत्तराधिकारी बना दिया जाता है तो लंगड़ा के तनबदन में आग लग जाती है और वह बदला लेने के लिए उतावला हो जाता है। फिल्म उत्तर भारत के राजनीतिक हालात और अपराधिक पृष्ठभूमि को भी दर्शाती है।
निर्देशक : विशाल भारद्वाज
कलाकार : अजय देवगन, करीना कपूर खान, सैफ अली खान, विवेक ओबेरॉय, बिपाशा बसु, कोंकणा सेन शर्मा, नसीरुद्दीन शाह
हिट गानें : *बीड़ी जलई रे * नमक *ओ साथी रे
क्या है खास?
कमर्शियल फिल्मों के साथ-साथ अजय देवगन ऐसी फिल्में भी करते रहे हैं जो उनके अंदर मौजूद कलाकार को संतुष्टि दे। 'ओंकारा' उन्हीं फिल्मों में से एक है। यह फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ गहरे अर्थ लिए हुए है। फिल्म के अंत में अजय के पात्र से दर्शक नफरत करते हैं और यह अजय के अभिनय का कमाल है।
मुंबई अंडरवर्ल्ड कुख्यात गैंगस्टर्स हाजी मस्तान और दाऊद इब्राहीम से प्रेरित। सुल्तान मिर्जा ने अपराध की दुनिया में अपना दबदबा बनाया और वह गरीबों की मदद से भी कभी पीछे नहीं हटा। अपने शागिर्द शोएब से उसके मतभेद हुए और दोनों अपनी शर्तों पर मुंबई पर राज करने की कोशिश करते हैं।
जोरदार संवाद, एक-दूसरे पर हावी होने वाले दृश्य, जबरदस्त एक्शन और अजय देवगन की हीरोगिरी फिल्म के प्रमुख आकर्षण। अजय ने बड़ी सूक्ष्मता के साथ अपने किरदार को जिया है। सफेद कपड़े पहन हाथ में सिगरेट लिए वे वाकई में सुल्तान नजर आते हैं। रॉबिनहुड की तरह उनका कैरेक्टर है, जो बुरे काम जरूर करता है, लेकिन दिल का भला है। अजय की एक्टिंग के लिए यह फिल्म याद की जाती है।
एक निडर पुलिस ऑफिसर की कहानी जो किसी शक्तिशाली, भ्रष्ट और खतरनाक व्यक्ति से उलझने में जरा भी नहीं डरता।
निर्देशक : रोहित शेट्टी
कलाकार : अजय देवगन, काजल अग्रवाल, प्रकाश राज
हिट गाने : * सिंघम
क्या है खास?
शेर जैसे निडर और ईमानदार पुलिस ऑफिसर की भूमिका अजय ने इतनी विश्वसनीयता से निभाई कि पुलिस ने अपने ऑफिसर्स को प्रेरित करने के लिए यह फिल्म दिखाई। अजय एक शेर की तरह इस फिल्म में नजर आए। जब-जब स्क्रीन पर उन्होंने दहाड़ लगाई तब-तब सिनेमाहॉल सीटियों और तालियों से गूंज उठा। एक विशुद्ध कमर्शियल फिल्म जो खूब पसंद की गई।
कहां देखें?
दृश्यम (2015)
गोआ की आईजीपी का बेटा लापता है। पुलिस को विजय और उसके परिवार पर संदेह है। लाख कोशिशों के बावजूद पुलिस विजय के खिलाफ कोई सबूत नहीं जुटा पाती। क्या विजय का इसमें कोई हाथ है?
एक अपराधी इतनी सफाई से अपने अपराध को अंजाम देता है कि कोई सबूत नहीं छोड़ता। पुलिस जानती है कि वह अपराधी है, लेकिन सिर्फ कसमसाने के सिवाय कुछ नहीं करती। अपराधी के प्रति दर्शकों की सहानुभूति रहती है क्योंकि वह अपराध उसने अपने परिवार को बचाने के लिए किया है। एक ठोस स्क्रिप्ट जो दर्शकों को बांध कर रखती है।