1) 1973 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने के बाद से, कादर खान ने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया। उनकी पहचान अभिनेता और लेखक के रूप में है।
2) अपनी पहली फिल्म दाग में कादर खान ने, अभियोजन पक्ष के वकील की भूमिका निभाई थी।
3) कादर खान बॉम्बे युनिवर्सिटी के इस्माइल युसुफ कॉलेज से इंजीनियरिंग ग्रेज्यूएट थे।
4) फिल्मों में करियर बनाने के पहले, कादर खान एमएच सैबू सिद्दिक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे।
5) उनके पिता अब्दुल रेहमान खान कंधार के थे तो माता इकबाल बेगर पिशिन (अंग्रेजों के समय भारत का हिस्सा) से थीं।
6) कादर खान द्वारा कॉलेज में किए गए ड्रामा काम करने के बाद, दिलीप कुमार इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने कादर खान को अपनी दो फिल्मों सगीना और बैराग के लिए साइन कर लिया।
7) कादर खान के तीन बेटे हैं। उनके एक बेटा कनाडा में रहता है और ऐसा कहा जाता है कि कादर खान के पास कनाडा की भी नागरिकता थी।
8) कादर खान ने 250 से ज्यादा फिल्मों के संवाद लिखे थे।
9) फिल्म 'रोटी' के लिए मनमोहन देसाई ने कादर खान को संवाद लिखने के लिए 1,20,000 रुपये जैसी बड़ी रकम अदा की थी।
10) कादर खान टेलीविजन पर एक कॉमेडी शो 'हंसना मत' कर चुके थे, जिसे उन्होंने खुद बनाया था।
11) अमिताभ बच्चन के अलावा, कादर खान ऐसे कलाकार थे जिन्होंने प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई के आपस में प्रतिस्पर्धी कैंपों में काम किया।
12) अमिताभ की कई सफल फिल्मों के अलावा, कादर खान ने हिम्मतवाला, कुली नं वन, मैं खिलाडी तू अनाड़ी, खून भरी मांग, कर्मा, सरफरोश और धर्मवीर जैसी सुपर हिट फिल्मों के संवाद लिखे थे।
13) 2013 में, कादर खान को उनके फिल्मों में योगदान के लिए साहित्य शिरोमनी अवार्ड से नवाजा गया।
14) कादर खान 1982 और 1993 में बेस्ट डायलॉग के लिए फिल्म फेयर जीत चुके थे।
15) कादर खान को 1991 को बेस्ट कॉमेडियन का और 2004 में बेस्ट सपोर्टिंग रोल का फिल्म फेयर मिला।
16) कादर खान को 9 बार बेस्ट कॉमेडियन के तौर पर फिल्म फेयर में नामांकित किया गया।
17) अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम फ्रॉम इंडिया (AFMI) कादर खान को उनकी सफलताओं और भारतीय मुस्लिम कम्युनिटी की भलाई में उनके कामों के लिए सराह चुकी है।
18) फिल्म 'रोटी' के अशरफ खान, अपने एक नाटक के लिए एक युवा लड़के की तलाश में थे तब उन्हें लोगों ने बताया कि एक लड़का रात में कब्रों के बीच बैठकर डायलॉग चिल्लाता है। यह कादर खान थे।
19) सोशल मीडिया पर फैलाई गई उनकी मौत की खबर से, कादर खान बहुत आहत हुए थे और उन्होंने कहा इससे उनके परिवार को खासा दुख पहुंचा है।
20) अपने बचपन के दिनों में कादर खान बहुत गरीब थे। गंदी बस्ती की झोपड़ी में रहने वाले कादर की मां उन्हें मस्जिद प्रार्थना के लिए भेजती थीं जहां से वे कब्रिस्तान चले जाते थे।
21) कादर खान के पास बचपन में चप्पल तक नहीं हुआ करती थी। उनकी मां उनके गंदे पैर देखकर समझ जाती थीं कि वह मस्जिद नहीं गए।
22) कादर खान की उनके पहले ही ड्रामे में एक्टिंग देखकर एक बुजुर्ग ने उन्हें सौ रूपए का नोट दिया था। कुछ साल अपने पास रखने के बाद, गरीबी के कारण कादर खान ने इस नोट को खर्च कर दिया जिसे वह एक ट्राफी समझते थे।
23) कादर खान के जन्म के पहले काबुल में रहने वाले उनके परिवार में उनके तीन बड़े भाई थे जो आठ वर्ष के होते-होते मर गए। इससे घबराकर कादर खान के जन्म के बाद, उनकी मां उन्हें लेकर मुंबई आ गईं।
24) कादर खान मानते थे कि अच्छा लेखक बनने के लिए जिंदगी में बहुत दुख से गुजरना जरूरी है।
25) कादर खान कभी भी फिल्मों का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे क्योंकि उसके समय फिल्मों को निचले दर्जे की चीज समझी जाती थी।
26) कादर खान एक लेखक के तौर पर बहुत ही जल्दी सफल हुए क्योंकि वह बोलचाल की भाषा में संवाद लिखते थे वहीं दूसरी ओर पहले से जमे हुए लेखक कठिन मुहावरों से भरी भाषा लिखने के आदी थे।
27) कादर खान ने गालिब की गजलों को समझाती किताबें भी लिखीं, जिनमें 100 से भी अधिक गजलों के मतलब लिखे हुए हैं।
28) एक दौर ऐसा भी था जब कादर खान कई हीरो से ज्यादा लोकप्रिय थे और दर्शक पोस्टर पर उनका चेहरा देख टिकट खरीदते थे।
29) अश्लील और द्विअर्थी संवाद लिखने के कारण कादर खान कई बार आलोचकों के निशाने पर रहे।
30) बीमार होने के बाद कादर खान इस बात से हताश हो गए कि लोगों ने उनसे दूरी बना ली और काम देना बंद कर दिया।