जापान के प्रतिष्ठित सांस्कृतिक सम्मान से नवाजे गए एआर रहमान

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नई दिल्ली। जाने माने संगीतकार एआर रहमान को संगीत के जरिए एशियाई संस्कृति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए जापान के शीर्ष सांस्कृतिक सम्मान "ग्रांड फुकुओका पुरस्कार 2016" पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार के तहत संगीतकार रहमान को "फ्राम द हार्टः द वर्ल्ड ऑफ ए आर रहमान्स म्यूजिक" विषय पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है। 
फुकुओका पुरस्कार समिति के सचिवालय ने 49 साल के रहमान को फिलिपीनी इतिहासकार एआर ओकांपो (अकादमिक) और पाकिस्तानी शिल्पकार यास्मीन लारी (कला व संस्कृति) के साथ पुरस्कार के लिए चुना है। 
 
ग्रांड फुकुओका पुरस्कार की स्थापना 1990 में जापान के फुकुओका शहर में की गई थी। यह पुरस्कार हर साल प्रदान किया जाता है। इसका उद्देश्य एशिया की अनोखी और विविधतापूर्ण संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए काम करने वाले लोगों, संगठनों और समूहों के उत्कृष्ट कार्यों को सम्मानित करना है।
 
गौरतलब है कि रहमान से पहले सितार वादक रवि शंकर, नृत्यांगना पद्मा सुब्रह्माण्यम, इतिहासकार रामचंद्र गुहा और रोमिला थापर, सरोद वादक अमजद अली खान, आशीष नंदी, पार्थ चटर्जी, वंदना शिवा और नलिनी मालिनी इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले अन्य भारतीय हैं। अन्य विजेताओं में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस (बांग्लादेश) और मो यान (चीन) भी शामिल हैं।
 
रहमान ने मणि रत्नम की तमिल फिल्म ‘रोजा’ के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की और राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘रंगीला’ से उनका हिंदी सिनेमा से परिचय हुआ। इसके बाद ‘बॉम्बे’, ‘दिल से’, ‘ताल’, ‘लगान’, ‘रंग दे बसंती’, ‘दिल्ली 6’, ‘रॉकस्टार’, ‘हाईवे’ और ‘तमाशा’ सहित बहुत सी फिल्मों में रहमान ने अपने संगीत का जादू जगाया। 
 
डैनी बॉयल की ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ के गीत ‘जय हो’ से रहमान ने हॉलीवुड में अपने संगीतमय करियर की शुरुआत की। इस गीत ने दो एकेडमी अवार्ड और एक गोल्डन ग्लोब ट्राफी जीती।(भाषा) 
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