बॉलीवुड की जानी मानी प्रतिभावान अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल ने हाल ही में मेलबोर्न यूनिवर्सिटी में भारतीय सिनेमा पर एक बेहद ही भावपूर्ण लेक्चर दिया। इस लेक्चर का विषय था ‘द इवाल्यूशन ऑफ वूमन इन इंडियन सिनेमा’।
इस विषय पर सिमी ने कहा कि आज सिनेमा में भी महिलाओं के प्रति सहानुभूति कही खो सी गई हैं। उन्होंने कहा इंडिया में ऐसे बहुत से लोग है जो कभी स्कूल नहीं गए, जो अनपढ़ है परंतु जब वे फिल्में देखते हैं तो उनके लिए तो सिनेमा ही स्कूल है जिसे देखकर वे सोचते हैं, चीजों को समझते हैं। सिमी का लेक्चर पूरी तरह ओडियंस से भरा हुआ था।
65 वर्षीय अभिनेत्री और चेट शो की होस्ट सिमी ने कहा कि भारतीय नारी की छवि को पर्दे पर भी पुरूषों द्वारा ही बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि एक महिला पत्नि है तो उसे अपने पति की हर बार का ख्याल रखना होगा, उसकी हर बात को मानना होगा और यदि वो ऐसा नहीं करती है तो वह महिला अच्छी पत्नि नहीं है। यह सभी व्यंग्य उन्होंने इसलिए कहे क्योंकि इन दिनों महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों की वजह से सिमी बेहद ही दुखी है। वे अपने दुख को इस लेक्चर के द्वारा बयां कर रही थी।
उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा के कई लोकप्रिय गानो में भी नारी को पुरूषों की पूजा करते हुए तथा अपने आपको उनसे कमजोर समझने का उपदेश दिया जाता है। फिर चाहें वो पुरूष कितना ही निर्मम क्यों ना हो। आज भी बॉलीवुड की कई फिल्मों में यदि महिला बहुत समझदार या फिर अपने करियर के प्रति महत्वाकांक्षी हो तो भी उसे कही ना कही इसकी कीमत तो चुकानी ही पड़ती है। सिमी ने बॉलीवुड की कई फिल्मों का जिक्र किया जिसमें तब्बू अभिनीत फिल्म ‘अस्तित्व’ तथा विद्या बालन अभिनीत ‘कहानी’ फिल्में महिला के अस्तित्व पर सवालिया निशान साधा गया था।
16 दिसंबर को दिल्ली में हुए दर्दनाक हादसे पर सिमी ने कहा जब ये हादसा हुआ तो मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि भारत जैसे देश में भी इस तरह का हादसा हो सकता है। भारत के लोग अब इस तरह के हादसो पर अपना गुस्सा दिखाने लगे हैं और चाहते हैं कि ऐसा फिर कभी ना हो।