बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म 'आई वांट टू टॉक' को लेकर सुखिँयों में हैं। इस फिल्म में उनके किरदार की गहरी इमोशनल जर्नी दिखाई जाएगी। यह फिल्म एक इंसान की कहानी है जिसे यह बताया जाता है कि उसके पास सिर्फ 100 दिन हैं। ऐसे में फिल्म में मौत, आत्म-चिंतन और अंत की अहमियत को गहराई से दिखाया गया है।
अभिषेक ने बताया कि फिल्म 'आई वांट टू टॉक' की कहानी ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर किया कि यदि किसी को बताया जाए कि उसके पास सिर्फ 100 दिन ही बचे हैं, तो वह क्या महसूस करेगा।
उन्होंने कहा, जब डॉक्टर आपको यह बताता है कि आपके पास सिर्फ 100 दिन हैं, तो इसे मानना और समझना आसान नहीं होता। एक बार जब आप इसे समझ लेते हैं, तो असली सवाल यह होता है: बचा हुआ समय मैं कैसे बिताऊं? क्या मुझे छोड़ देना चाहिए? क्या मुझे खत्म करना चाहिए?
अभिषेक ने बताया कि ऐसी स्थिति इंसान को यह सोचने पर मजबूर करती है कि उसके लिए सबसे ज़्यादा क्या मायने रखता है, जैसे रिश्तों को सुधारना, पैसों के मामलों को सुलझाना या जीवन के मकसद के बारे में सोचना।
अभिषेक ने रात में जागते हुए आने वाले गहरे ख्यालों के बारे में बात की, जब इंसान अनजानी चीज़ों के बारे में सोचता है। उन्होंने कहा, क्या मैं कल सुबह उठूंगा? क्या ये मेरी आखिरी रात है? मुझे अपनी आखिरी रात कैसे बितानी चाहिए? उन्हें किसी के आखिरी दिनों के बारे में सोचना दिलचस्प और इमोशनल दोनों लगा।
उन्होंने कहा, यह अच्छा लगता है कि आप एक फिल्म बना रहे हैं, जिसमें किसी के पास जीने के लिए सिर्फ़ 100 दिन हैं, लेकिन जब आप सच में इस बारे में सोचते हैं, तो यह एक बेहद गहरी सोच है।
शूजित सरकार द्वारा निर्देशित 'आई वांट टू टॉक' एक दिल छूने वाली फिल्म है, जो समय के साथ जीने और रिश्तों को समझने की गहरी कहानी पेश करती है। यह फिल्म एक पिता और बेटी के रिश्ते पर आधारित है, जो 22 नवंबर, को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म में जॉनी लीवर और अहिल्या बामरू भी अहम भूमिकाओं में हैं।