अभिषेक-ऐश्वर्या के तलाक की अफवाह के बीच अमिताभ बच्चन ने शेयर किया ब्लॉग, बोले- अटकलें तो अटकलें ही हैं

WD Entertainment Desk

शुक्रवार, 22 नवंबर 2024 (15:51 IST)
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन और बहू ऐश्वर्या राय की शादीशुदा जिंदगी में बवाल को लेकर कई समय से खबरें सामने आ रही है। बीते कई समय से दावा किया जा रहा है कि दोनों तलाक लेने जा रहे हैं। ऐश्वर्या अपनी बेटी आराध्या के साथ बच्चन परिवार का घर भी छोड़ चुकी हैं। 
 
वहीं अब अमिताभ ने अभिषेक और ऐश्वर्या को लेकर चल रही खबरों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। अमिताभ बच्चन ने आज अपने ब्लॉग पर एक नोट साझा किया है। उन्होंने इसमें अटकलों के संदंर्भ में ही बात की है। दावा किया जा रहा है कि बिग बी ने ब्लॉग के जरिए अपने बेटे और बहू के रिश्ते को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है। 
 
बिग बी ने लिखा, अलग दिखने और जीवन में इसकी उपस्थिति पर यकीन करने के लिए बहुत साहस, दृढ़ विश्वास और ईमानदारी की दरकार होती है। मैं अपने परिवार को लेकर बहुत कम ही बोलता हूं, क्योंकि वह मेरा अधिकार क्षेत्र है। मैं इसकी निजता को बनाए रखता हूं। अटकलें तो अटकलें ही हैं... वे बिना वेरिफिकेशन के वे असत्य अटकलें हैं।
 
उन्होंने लिखा, वेरिफिकेशन चाहने वाले अपने पेशे के लिए प्रमाण मांगते हैं। मैं तो उनकी पसंद के पेशे में होने की उनकी इच्छा को चुनौती नहीं दूंगा और मैं समाज की सेवा में उनकी कोशिशों की तराफी ही करूंगा। लेकिन असत्य.. या प्रश्न चिन्ह लगी कुछ चुनिंदा जानकारियां उनके लिए कानूनी सुरक्षा हो सकती हैं, जो सूचना देते हैं... लेकिन संदिग्ध भरोसे का बीज भी इसी प्रतीक के साथ रोपा जाता है, जिसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है।
 
बिग बी ने प्रश्न चिन्ह (?) का हवाला देते हुए लिखा, प्रश्न चिन्ह के साथ आप जो चाहें लिखें, अभिव्यक्त करें... लेकिन जब आप उसके बाद प्रश्न चिन्ह लगाते हैं, तो आप न केवल यह कह रहे होते हैं कि लिखा हुआ संदिग्ध हो सकता है... बल्कि आप गुप्त रूप से यह भी चाहते हैं कि पाठक उस पर विश्वास करे और उसे आगे बढ़ाए, जिससे वह फिर से मूल्यवान साबित हो जो आपने लिखा है।
 
उन्होंने लिखा, आपका कंटेंट लिख जाता है। सिर्फ उस वक्त के लिए नहीं, बल्कि कई और पलों के लिए। पाठक जब उस पर प्रतिक्रिया देते हैं और फिर उस कंटेंट को विस्तार मिलता है। प्रतिक्रिया कैसी भी हो सकती है। नकारात्मक भी और भरोसे वाली भी। जो भी हो, लेखक को विश्वसनीयता प्रदान करनी चाहिए, यही लेखक का व्यवसाय है। 
 
अमिताभ ने लिखा, दुनिया को झूठ या प्रश्ननाचक असत्य से भर दें और आपका काम खत्म हो गया? इस चीज ने किसी व्यक्ति या परिस्थिति को किस हद तक प्रभावित किया होगा, इसका ख्याल नहीं किया गया। अगर आपके पास कभी विवेक था तो इस तरह उसे दबा दिया गया????? इस पर मैंने प्रश्नवाचक चिन्ह लगा दिया। 

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