पायल कपाड़िया ने रचा इतिहास, Cannes में ग्रैंड प्रिक्स अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनीं

WD Entertainment Desk

रविवार, 26 मई 2024 (11:49 IST)
Cannes Film Festival 2024: कान फिल्म फेस्टिवल 2024 में भारत के नाम का डंका बज रहा है। इस साल कई भारतीयों ने अवॉर्ड नाम किए हैं। कोलकाता की एक्ट्रेस अनसूया सेनगुप्ता कान में बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनी हैं। वहीं अब पायल कपाड़िया ने भी अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया है। 
 
भारतीय फिल्ममेकर पायल कपाड़िया ने कान फिल्म फेस्टिवल का दूसरा सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड हासिल किया है। पायल कपाड़िया ने अपनी फिल्म 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ के लिए प्रतिष्ठित कान फिल्म महोत्सव में 'ग्रैंड प्रिक्स' पुरुस्कार जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म निर्माता बनकर इतिहास रच दिया है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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शनिवार रात को खत्म हुए फिल्म महोत्सव का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार अमेरिकी निर्देशक सीन बेकर की फिल्म ‘अनोरा’ को मिला। पायल कपाड़िया की फिल्म गुरुवार रात को प्रदर्शित हुई। यह 30 वर्ष में मुख्य प्रतियोगिता में प्रदर्शित होने वाली किसी भारतीय महिला निर्देशक की पहली भारतीय फिल्म है।
 
पायल कपाड़िया को अमेरिकी अभिनेता वियोला डेविस ने ‘ग्रैंड प्रिक्स’ पुरस्कार प्रदान किया। पुरस्कार लेते हुए उन्होंने फिल्म में मुख्य किरदार निभाने वाली तीन अभिनेत्रियों - कानी कुश्रुति, दिव्या प्रभा और छाया कदम का आभार जताया और कहा कि उनके बिना यह फिल्म नहीं बन पाती।
 
पायल कपाड़िया ने कहा, मैं बहुत घबराई हुई हूं इसलिए मैंने कुछ लिखा है। हमारी फिल्म यहां दिखाने के लिए कान फिल्म महोत्सव का शुक्रिया। कृपया किसी और भारतीय फिल्म के लिए 30 साल तक इंतजार मत करना।
 
उन्होंने कहा, यह फिल्म मित्रता के बारे में, तीन बहुत ही अलग-अलग मिजाज की महिलाओं के बारे में हैं। कई बार महिलाएं एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हो जाती हैं। हमारा समाज इसी तरीके से बनाया गया है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन मेरे लिए दोस्ती बहुत महत्वपूर्ण रिश्ता है क्योंकि इससे अधिक एकजुटता, समावेशिता और सहानुभूति पैदा होती है।
 
मलयालम-हिंदी फीचर फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ एक नर्स प्रभा के बारे में है जिसे लंबे समय से अलग रह रहे अपने पति से एक अप्रत्याशित उपहार मिलता है जिससे उसका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। इस फिल्म को कान महोत्सव में दिखाने के बाद आठ मिनट तक खड़े होकर दर्शकों ने तालियां बजायी थीं और अंतरराष्ट्रीय फिल्म आलोचकों ने इसकी शानदार समीक्षा की थी जिसके बाद यह इस पुरस्कार को पाने की दौड़ में सबसे आगे थी।
 

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