अपनी पहली रिलीज़ परदेस से पहले उन्होंने अपने निर्देशक सुभाष घई की सिफारिश पर अपना नाम बदलकर महिमा चौधरी रख लिया, जो मानते थे कि 'एम' अक्षर उनकी फिल्मों में अग्रणी अभिनेत्रियों के लिए भाग्यशाली होता है। उनका असली नाम रितु हैं।
वर्ष 2000 में प्रदर्शित फिल्म धड़कन में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए महिमा सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित की गईं। वर्ष 2006 में शादी करने के बाद महिमा चौधरी ने फिल्मों में काम करना कुछ कम कर दिया था। जब महिमा काम कर रही थीं, उसी दौरान उनका एक भयानक एक्सीडेंट भी हुआ था।
फिल्म दिल क्या करे की शूटिंग के दौरान महिमा चौधरी का कार एक्सीडेंट हुआ था। उस दौरान उनके चेहरे में कांच के टुकड़े धंस गए थे। महिमा के चेहरे से कांच के 67 टुकड़े निकाले गए थे। वर्ष 2006 में महिमा ने बिजनेसमैन बॉबी मुखर्जी से शादी की थी, लेकिन वर्ष 2013 में दोनों का तलाक हो गया। महिमा की एक बेटी है जिसका नाम आर्यना है।
महिमा की जिंदगी में सिर्फ एक्सीडेंट ही नहीं, बल्कि एक और बड़ा चैलेंज ब्रेस्ट कैंसर के रूप में आया, लेकिन महिमा ने हिम्मत नहीं हारी और इस बीमारी से भी लड़ाई जीती। महिमा ने अपनी बेटी आर्यना का जिक्र करते हुए बताया था कि जब वो कैंसर से परेशान थीं, तब उनकी बेटी ने स्कूल जाना छोड़ दिया था, जिससे उनकी मम्मी को कोविड 19 का खतरा न हो। महिमा चौधरी अब पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं।
महिमा चौधरी ने अपने सिने करियर में लगभग 35 फिल्मों में अभिनय किया है। महिला चौधरी की इस वर्ष फिल्म इमरजेंसी प्रदर्शित हुई है। उनके करियर की अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में कुछ है। दाग द फायर, कुरूक्षेत्र, दिल क्या करे, लज्जा, दीवाने, खिलाड़ी 420, ओम जय जगदीश, दिल है तुम्हारा, सौतन, सहर, सैंडविच, बागबान आदि है।