एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67 के तहत एनसीबी द्वारा दर्ज आर्यन खान के इकबालिया बयान का प्रयोग केवल मामले की जांच के लिए किया जा सकता है, न कि यह अनुमान लगाने या साबित करने के लिए कि अभियुक्तों ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत अपराध किया है।
कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि आर्यन और उनके दोस्त अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमेचा एक ही क्रूज में थे, ये अपने आप में उनके खिलाफ साजिश के आरोप का आधार नहीं हो सकता है। हाईकोर्ट ने 14 पन्नों के रिलीज ऑर्डर के साथ ये भी कहा कि एनसीबी जांच अधिकारी द्वारा दर्ज किए गए सभी आरोपी व्यक्तियों के कन्फेशन वाले बयान पर भरोसा नहीं कर सकता है, क्योंकि ये बाध्यकारी नहीं है।