ऐश करना चाहते हैं गोविंदा, कहा जवानी लौट कर नहीं आती

गोविंदा बेहतरीन कलाकार  हैं। हीरो नंबर 1 गोविंदा फिल्म 'रंगीला राजा' में नज़र आएंंगे। इस फिल्म में उन्होंने दोहरी भुमिका निभाई है। साथ ही इसमें वे अपने फेमस आंटी वाले किरदार में भी दिखाई देंगे। फिल्म में शक्ति कपूर भी है। इसका निर्माण पहलाज निहलानी ने किया है। 
 
अब इस तरह की टीम की कोई फिल्म आ रही है तो गोविंदा के फैंस का उत्सुक होना तो बनता है। फिल्म के बारे में गोविंदा बेहद उत्साहित हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने फिल्म से जुड़ी बाते की। साथ ही अपने ज़माने के कुछ किस्से भी शेयर किए। ऐसे में गोविंदा ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने स्ट्रगल के दौरान कई समस्याएं झेली। साथ ही उन्होंने अपना स्टारडम भी एंजॉय नहीं किया। 
 
गोविंदा का कहना है कि उन्हें अपने स्ट्रगल के समय कई बड़े निर्माता-निर्देशकों ने उनके ऑफिस से बाहर कर दिया था। तब उन्हें लगता था कि मैं भीख मांग़ने आया हूं जबकि मैं उनके हाथ जोड़ता था। कभी-कभी उनसे लड़ाई भी हो जाती थी कि मुझे मना कर दो कि काम नहीं लकिन इस तरह से बाहर मत करो।

निर्माता-निर्देशक धमकाकर कुछ कहते तो मैं भी लड़ जाता था। मैं कहता कि यहां मैं भीख मांगने के लिए नहीं खड़ा हूं, एक थप्पड़ दूंगा तो बात करने की तमीज आ जाएगी। मैं आपसे काम मांगने आया हूं, काम नहीं है तो प्रेम से कहो। ऐसे बदतमीजी से भगाओ नहीं। 
 
साथ ही गोविंदा ने यह भी बताया कि सक्सेस के बाद उन्होंने कभी अपनी स्टारडम एंजॉय नहीं की। इसका कारण बताते हुए गोविंदा ने कहा कि मैंने कभी भी अपना स्टारडम इंजॉय नहीं किया, यह मेरी लाइफ की सबसे बड़ी दिक्कत थी।

मेरी मम्मी साधू थी तो मेरा दिमाग हमेशा पूजा-पाठ में लगा रहता था। अब लगता है कि मुझे एंजॉय करना चाहिए था, थोड़ा ड्रिंक करना चाहिए, थोड़ा ऐश करना चाहिए, घूमना-फिरना चाहिए। जवानी भी लौट कर नहीं आती है। दरअसल मुझ पर बड़ी जिम्मेदारियां थी इसलिए मैं उन्हें निभाने में ही रह गया। अब मैं इंजॉय करना चाहता हूं। अब अगर इंजॉय करूंगा तो पता नहीं लोग क्या कहेंगे। 
 
बड़ी उम्र में ही लड़कीबाज़ी करने और ऐश करने की ही कहानी है 'रंगीला राजा'। इसमें एक जुड़वा भाई आवारा तो एक साधु है। गोविंदा ने आगे कहा कि उन्हें जीवन में बहुत से अच्छे लोग भी मिले जिन्हें वे अपनी सक्सेस का कारण मानते हैं।

गोविंदा ने बताया कि स्ट्रगल के दौरान एक बंगाली भाई थे जो मुझे खाना खिलाते थे तो पैसे नहीं लेते थे, जूते वाले एक भाई भी मुझसे पैसे नहीं लेते थे और डांस मास्टर-फाइट मास्टर भी अपनी फीस मुझसे नहीं लेते थे। यह सब भगवान की कृपा थी। 

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