अपने पहले ट्वीट में हंसल मेहता ने लिखा, अगर आप शिल्पा शेट्टी के साथ खड़े नहीं हो सकते हैं तो कम से कम उन्हें अकेला छोड़ दीजिए और कानून को फैसला कर लेने दीजिए। इस मुश्किल वक्त में उन्हें शांति और प्राइवेसी के साथ रहने दें। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग पब्लिक पर्सनालिटीज हैं उन्हें अपना बचाव करने के लिए अकेला छोड़ दिया जाता है और न्याय मिलने से पहले ही उन्हें दोषी घोषित कर दिया जाता है।
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, यह चुप्पी एक तरह का पैटर्न बन चुका है। अच्छे वक्त में सभी लोग पार्टी करने के लिए होते हैं लेकिन जब वक्त खराब हो तो एक सन्नाटा सा छा जाता है और व्यक्ति को अलग कर दिया जाता है। फिर इससे किसी को भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि आखिर में सच क्या है और क्या नहीं।
हंसल मेहता ने तीसरे ट्वीट में लिखा, बदनाम करने का यह एक पैटर्न है। अगर एक फिल्मी व्यक्ति पर आरोप है तो निजता पर हमला, पहले से राय बना लेना, चरित्र हनन, न्यूज को बकवास गॉसिप से भर देना- यह सब एक व्यक्ति की प्रतिष्ठा की कीमत पर होता है।