श्रेया चौधरी ने की अपनी फिटनेस जर्नी के बारे में बात, बोलीं- रितिक रोशन ने किया प्रेरित

WD Entertainment Desk

शुक्रवार, 3 जनवरी 2025 (14:53 IST)
वेब सीरीज 'बंदिश बैंडिट्स सीजन 2' रिलीज के बाद से चर्चा में है, और शो की लीड एक्ट्रेस श्रेया चौधरी पर सभी की नजरें टिकी हैं। श्रेया को उनके अभिनय के लिए खूब सराहना मिल रही है। हाल ही में वह अपनी प्रेरणादायक फिटनेस ट्रांसफॉर्मेशन स्टोरी को लेकर खबरों में रहीं।
 
एक समय था जब श्रेया अपने बढ़ते वजन और आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही थीं। लेकिन उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट तब आया जब उन्होंने अपने आदर्श रितिक रोशन को उनकी फिटनेस यात्रा के बारे में खुलकर बात करते हुए देखा।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Shreya Chaudhry (@shreya__chaudhry)

श्रेया ने कहा, मैं हमेशा से कमरे में सबसे मोटा बच्चा मानी जाती थी। ऐसा लगता था कि चाहे मैं कुछ भी कर लूं, वजन कम नहीं कर सकती। शायद मुझे मोटिवेशन की कमी थी। फिर मेरी जिंदगी में रितिक रोशन आए। एक फैन गर्ल के रूप में, उनकी फिटनेस जर्नी ने मुझे गहराई से प्रेरित किया। उन्होंने अपनी परेशानियों और उन पर काबू पाने की बात खुलकर की, और इससे मुझे एक दिन जीतने की प्रेरणा मिली। मैंने भी अपनी फिटनेस पर काम करने का निर्णय लिया।
 
श्रेया ने अपने ट्रांसफॉर्मेशन की कुछ प्रेरणादायक तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा कीं और इसे कैप्शन दिया, कहानी का समय- मैं अपने हर रूप को प्यार करती हूं। हर एक रूप उस मानसिक स्थिति को दर्शाता है, जिससे मैं गुजर रही थी। कोई पछतावा नहीं। कोई पीछे मुड़कर देखना नहीं। 
 
उन्होंने लिखा, मैंने समझदारी और मजबूती हासिल की है। शुरुआत में तो यह बस सेहत के लिए था। मैं कई परेशानियों से गुजर रही थी और मुझे लगातार फिट और एक्टिव रहने की सलाह दी जाती थी। फिर मैंने रितिक रोशन के विचार पढ़े कि कैसे उन्होंने खुद को फिट रखा और उतार-चढ़ाव संभाले। वह मेरे बचपन के क्रश हैं और मुझे लगता है कि मेरी फिटनेस जर्नी के लिए मैं उन्हें श्रेय देती हूं।
 
श्रेया ने कहा, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने से मुझे उस जुनून का पीछा करने में मदद मिली, जो हमेशा से मेरा सपना था… अभिनय। तो, यहां मैं हूं… अच्छे और बुरे दिनों से जूझते हुए, और अपने लक्ष्य पर नज़र टिकाए हुए। आप सभी के प्यार और प्रेरणा के लिए धन्यवाद.. 2025 को और भी फिट बनाने के लिए तैयार! यही वह समय था जब मैंने बॉक्सिंग शुरू की। यह सिर्फ वर्कआउट नहीं, बल्कि थेरेपी बन गया। शुरू में मैं झिझकी थी लेकिन जैसे ही मैंने पहली बार ग्लव्स पहने, मुझे इस खेल से प्यार हो गया। मैंने महसूस किया कि सबसे बड़ी लड़ाई हमेशा अपने भीतर ही होती है। यह एक ऐसा सबक था जो मुझे मेरे नए और मजबूत संस्करण तक ले गया।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी