फिल्म 'आईबी 71' लोगों का खूब ध्यान खींच रही है। अपनी इस फिल्म का एलान एक्टर विद्युत जामवाल ने साल 2021 में किया था, जिसके साथ वो बतौर निर्माता भी अपनी शुरूरात कर रहे हैं। उस वक्त विद्युत ने कहा था कि यह फिल्म 1971 के भारत-पाकिस्तान वॉर के एक एपिसोड पर आधारित होगी। हाल ही में फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ है। संकल्प रेड्डी के निर्देशन में बनी यह फिल्म 1971 के गंगा हाईजैक की कहानी को दर्शाती है।
हाल में इस फिल्म के बारे में बात करते हुए फिल्म के डायरेक्टर संकल्प रेड्डी ने बताया कि कैसे सालों की लंबी रिसर्च और फॉर्मर एजेंट्स के साथ हुई मुलाकातों के बाद इस फिल्म को बनाया गया है, जिसमें 1971 के गंगा हाईजैक के पीछे भारत के मास्टर प्लान को दर्शाया है।
संकल्प रेड्डी कहते हैं, यह भारतीय इतिहास में एक अहम पल था, लेकिन हैरानी की बात ये है कि बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते थे। बता दें, संकल्प रेड्डी की गाजी (2017) ने तेलुगु में बेस्ट फीचर फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता था।
1971 इंडियन एयरलाइंस का हाईजैक भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से एक विवादास्पद विषय रहा है। 30 जनवरी, 1971 को, हाशिम कुरैशी और अशरफ कुरैशी - दो कश्मीरी अलगाववादी कथित तौर पर नेशनल लिबरेशन फ्रंट (एनएलएफ) से संबंधित थे - ने गंगा नाम के फोकर एफ 27 का हाईजैक कर लिया जो श्रीनगर से उड़ान भर रहा था और इसे लाहौर हवाई अड्डे की ओर मोड़ दिया।
दोनों ने तब भारतीय हिरासत से अल-फतह के 36 सदस्यों को रिहा करने और हाईजैक हुए पैसेंजर्स के बदले पाकिस्तान के प्रेसिडेंट जुल्फिकार अली भुट्टो के साथ मीटिंग की मांग की। जबकि भारत सरकार ने उनकी इस डिमांड को मानने से मना कर दिया, ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) ने कथित तौर पर एक अंतरराष्ट्रीय प्रसारण किया जिसमें कहा गया कि इस हाईजैक के पीछे पाकिस्तान था।
ये स्पाई थ्रिलर फिल्म जिसमें अनुपम खेर और विशाल जेठवा भी हैं, इस इंसिडेंट के कुछ ऐसे फैक्ट्स पर फोकस करती जिनके बारे में बहुत से लोगों को नही पता है। फिल्म में दिखाया गया है कि भारत के रिसर्च और एनालिसिस विंग के तत्कालीन प्रमुख रामेश्वर नाथ काव को 1971 की जनवरी की शुरुआत से ही इस हाईजैक का पता था। उन्होंने एक मास्टर प्लान तैयार किया और हाईजैक का इस्तेमाल पाकिस्तान के नापाक इरादों के भारत सरकार के दावों को मजबूत करने के लिए किया।
सरकार ने तुरंत पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की सभी उड़ानों को अपने एयरस्पेस से बैन कर दिया। बदले में, इसका ईस्ट पाकिस्तान में ट्रूप मूवमेंट पर गहरा असर पड़ा और उस साल दिसंबर में बांग्लादेश लिबरेशन वॉर में भारत को बढ़त मिली। इस कहानी को एक साथ लाने के लिए खूब रिसर्च किया गया। रेड्डी जो इसे एक कोवर्ट ऑपरेशन मानते हुए, ने एडमिट किया कि कैसे इससे जुड़ी जानकारी निकलना बेहद मुश्किल रहा है।
उन्होंने कहा, इंटेलिजेंस एजेंसी की स्ट्रेटजी के बारे में काफी डिटेल्स सीक्रेट थी। केवल कुछ ही लोगों को इस इंसिडेंट के बारे में जानकारी थी, और उससे भी कम लोग इसके बारे में बात करने को तैयार थे। दर्शकों को जोड़े रखने के साथ-साथ घटनाओं को सटीक रूप से दिखाया जरूरी था। लेकिन गहन रिसर्च के जरिए हम एक ऐसी फिल्म बनाने में कामयाब हुए जो हमारे सैनिकों की बहादुरी और बलिदान के साथ जस्टिस करती है।