जीतेंद्र ने फिल्म और उनकी जिंदगी से जुड़े कई किस्से शेयर किए। उन्होंने शो में इस बात से भी पर्दा उठाया कि आखिर वो क्यों ज्यादातर सफेद रंग के कपड़े पहनते हैं। 60 से 90 के दशक तक जीतेंद्र स्क्रीन पर छाए रहे और अपने काम से सभी को आकर्षित किया। उनकी एक खासियत रही कि वे हमेशा सफेद रंग ही कपड़े पहना करते है। फिर चाहे तो ऑन स्क्रीन हो या ऑफ स्क्रीन। इस बात पर से उन्होंने शो में पर्दा उठाया।
उन्होंने बताया, जब इंडस्ट्री में काम करना शुरू किया था, तब कोई डिजाइनर नहीं था और मुझे जो सही लगता था उसे पहनते थे। सफेद कपड़े पहनने इसलिए शुरू कर दिए क्योंकि मुझे किसी के बताया था कि मैं सफेद ड्रेस में पतला दिखता हूं।
जीतेंद्र ने आगे कहा कि रंगीन कपड़ो में कद छोटा दिखता है जबकि हल्के रंग लंबा दिखाते हैं। इसके बाद उन्होंने बताया कि चूंकि वह हल्के रंग के कपड़े चुनते, इसलिए उन्हें लगा कि सफेद रंग सबसे अच्छा है और इसलिए उन्होंने यह रंग पहनना शुरू कर दिया।
शो में जितेंद्र अपनी जवानी के दिनों को याद कर बताया कि कैसे वो मुंबई की एक चॉल में रहा करते थे। उन्होंने कहा- मैंने अपनी जिंदगी के करीब 20 साल एक चॉल में बिताए, जिसने मेरी जिंदगी पर गहरा असर डाला। मुझे ऐसा लगता है कि मेरी परवरिश, संस्कार, मां- बाप ने तो दिए है लेकिन माहौल से भी आपको बहुत संस्कार मिलते हैं।
उन्होंने कहा, मैं आदतों, भाषा और बाकी भी पूरा मराठी हूं, मैं हीरो बना क्योंकि मुझे अच्छी मराठी बोलनी आती थी। चार स्टोरी की चॉल में हम 80 परिवार रहते थे और सभी के बीच में खूब प्यार होता था। सभी एक-दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार होते थे, चाहें बात चाय पत्ती की हो या फिर कुछ और। जब मेरे घर में पंखा लगा तो बिल्डिंग के सभी लोग देखने आए थे।