श्रीराम की यह एक ऐसी फिल्म है, जो दर्शकों को सीट से जोड़े रखेगी। इस बार वह 90 मिनट की फिल्म बनाने की योजना कर रहे हैं। वास्तव में इसकी कहानी ऐसी लिखी गई है कि इसमें इंटरवल की जरूरत भी नहीं होगी। ये स्टोरी बताने का तेज तरीका है, जिसका समानार्थक श्रीराम को माना जाता है।