महेश भट्ट को कॉलेज के दौरान लोरिएन ब्राइट नाम की एक लड़की से प्यार हो गया। शादी के बाद लोरिएन का नाम बदलकर किरन भट्ट रखा गया। किरन, पूजा भट्ट और राहुल भट्ट की मां हैं। इसी बीच महेश भट्ट का अफेयर परवीन बॉबी से हो गया। इससे उनकी शादी में दरार पड़ गई थी। कुछ समय बाद परवीन से भी उनके रिश्ते बिगड़ गए।
महेश जब 20 साल के थे तभी से ही उन्होंने विज्ञापनों के लिए लेखन शुरू कर दिया था। हालांकि, स्कूल के दिनों से ही उन्होंने पैसे कमाने के लिए पार्ट टाइम जॉब करना शुरू कर दिया था। ऐसा माना जाता है कि महेश के व्यक्तित्व पर ओशो का काफी असर है, क्योंकि महेश ओशो रजनीश के अनुयायी हैं।
महेश भट्ट ने फिल्मी करियर की शुरुआत निर्देशक राज खोसला के साथ बतौर सहायक निर्देशक के की थी। महेश ने पहली बार 1970 में आई फिल्म 'संकट' का निर्देशन किया था। कई शुरुआती असफलताओं के बाद 1979 में आई फिल्म 'लहू के दो रंग' से महेश को सफलता मिली। इससे बाद तो इनके कदम रूके नहीं। इन्होंने अपने ही जीवन से प्रेरित हो 'अर्थ' फिल्म का निर्माण किया।
महेश भट्ट ने अर्थ, सारांश, जन्म, नाम, काश, डैडी, तमन्ना और जख्म जैसी संवेदनशील फिल्मों का निर्माण किया। वहीं उन्होंने राज, जिस्म, पाप, मर्डर, रोग, जहर, मर्डर 2, जिस्म 2 जैसी फिल्में बनाकर बोल्ड फिल्मों के डायरेक्टर के तौर पर पहचान बनाई।