रितिक रोशन, जिन्हें बॉलीवुड में 'ग्रीक गॉड' के नाम से जाना जाता है, अपनी आखिरी सफल फिल्म 'वॉर' के बाद से लगातार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। 2019 में रिलीज हुई इस फिल्म के बाद पिछले छह सालों में उनकी तीन बड़ी फिल्में 'विक्रम वेधा' (2022), 'फाइटर' (2024) और हाल ही में रिलीज हुई 'वॉर 2' (2025) बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं। इन लगातार असफलताओं ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या ऋतिक की लोकप्रियता कम हो रही है?
क्या वे सही स्क्रिप्ट्स का चुनाव नहीं कर पा रहे हैं?
या फिर कम फिल्में करना ही उनके लिए भारी पड़ रहा है?
लगातार असफलताओं की वजहें
रितिक रोशन की हालिया फिल्मों की असफलता के कई कारण हो सकते हैं, जिन पर गौर करना जरूरी है।
1. गलत स्क्रिप्ट का चुनाव:
रितिक रोशन की पिछली कुछ फिल्मों पर अगर नजर डालें तो लगता है कि वे सही फिल्मों का चुनाव नहीं कर पा रहे हैं। 'विक्रम वेधा' एक साउथ रीमेक थी, जो कि ओरिजिनल फिल्म जितनी सफलता हासिल नहीं कर पाई। इसका मुख्य कारण शायद यह था कि दर्शकों ने ओरिजिनल फिल्म पहले ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देख ली थी। वहीं, 'फाइटर' एक महंगी एरियल एक्शन फिल्म थी, लेकिन इसकी कहानी में गहराई की कमी महसूस हुई। दर्शकों ने इसे हॉलीवुड फिल्मों की सस्ती कॉपी बताया। 'वॉर 2' से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन यह भी अपने पहले भाग जैसा जादू नहीं दिखा पाई।
2. लंबी फिल्मों के बीच लंबा गैप:
रितिक रोशन अपनी फिल्मों के बीच लंबा समय लेते हैं। 'वॉर' और 'विक्रम वेधा' के बीच तीन साल का गैप था, और उसके बाद 'फाइटर' आने में भी लंबा वक्त लगा। इस डिजिटल युग में जब दर्शक हर हफ्ते नई कंटेंट की तलाश में रहते हैं, तब इतने लंबे गैप से स्टारडम पर असर पड़ना स्वाभाविक है। बड़े स्टार्स भी साल में एक या दो फिल्में लाते रहते हैं ताकि दर्शकों के बीच उनकी मौजूदगी बनी रहे।
3. बदलता हुआ दर्शक वर्ग:
आज के दर्शक सिर्फ बड़े बजट और भव्यता से प्रभावित नहीं होते। उन्हें मजबूत कहानी और नया कॉन्सेप्ट्स चाहिए। 'पुष्पा', कमर्शियल फिल्मों का फॉर्मेट भी काफी बदल गया है। पुष्पा, 'केजीएफ' और 'एनिमल' जैसी फिल्मों की सफलता इस बात का सबूत है। शायद ऋतिक को भी इस बदलाव को समझते हुए ऐसी फिल्में चुननी होंगी जो दर्शकों के दिल से जुड़ सकें।
क्या रितिक की लोकप्रियता कम हो रही है?
भले ही उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही हैं, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि रितिक की लोकप्रियता कम हो रही है। सोशल मीडिया पर उनकी फैन फॉलोइंग अभी भी बहुत मजबूत है। उनकी तस्वीरें और वीडियो आते ही वायरल हो जाते हैं। लोग अभी भी उन्हें एक आइकन के रूप में देखते हैं। समस्या उनकी लोकप्रियता में नहीं, बल्कि फिल्मों के चुनाव में हो सकती है।
रितिक रोशन को एक ऐसे प्रोजेक्ट की जरूरत है जो उनके टैलेंट को सही मायने में इस्तेमाल कर सके। एक ऐसी कहानी जो न सिर्फ बड़े पर्दे के लिए बनी हो, बल्कि दर्शकों को भावनात्मक रूप से भी जोड़ सके। उन्हें एक ऐसा निर्देशक चाहिए जो उन्हें नए अवतार में पेश करे और उनकी कमजोरियों को दूर कर सके।
रितिक रोशन आज भी बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं। उनकी असफलताएं उनकी लोकप्रियता में कमी का संकेत नहीं, बल्कि एक चेतावनी हो सकती हैं कि उन्हें अपनी रणनीति बदलने की जरूरत है। अगर वे फिल्मों के बीच के गैप को कम करते हैं और स्क्रिप्ट के चुनाव में ज्यादा ध्यान देते हैं, तो वह यकीनन जोरदार वापसी कर सकते हैं। दर्शकों को अभी भी 'कहो ना... प्यार है' और 'कोई मिल गया' के जादूगर से बहुत उम्मीदें हैं।