मशहूर फिल्म निर्माता और एक्टर महेश मांजरेकर को लगता है कि ओटीटी कंटेंट को सेंसर नहीं करना चाहिए, बल्कि उनका मानना है कि फिल्म निर्माताओं को खुद इस मामले में जिम्मेदारी बरतनी चाहिए। फिल्म निर्माताओं को डिजिटल स्पेस में सेंसरशिप की कमी का फायदा तो कतई नहीं उठाना चाहिए।
देश की सुरक्षा के लिए चीनी सैनिकों के खिलाफ युद्ध में डटे रहने वाले सैनिकों पर आधारित अपनी आगामी वेब सीरीज '1962 : द वार इन द हिल्स' को लेकर महेश मांजरेकर ने कहा, मुझे लगता है कि हम जो दिखाना चाहते हैं उसे लेकर हमें बहुत सावधान रहना चाहिए। मैंने ऐसी सीरीज बनाई है जिसे पूरा परिवार असहज महसूस हुए बिना एक साथ बैठकर देख सकता है। लेकिन मुझे लगता है कि हमें थोड़ा और जिम्मेदार होना चाहिए। मैं नहीं चाहूंगा कि ओटीटी कंटेंट पर सेंसरशिप लगे लेकिन कुछ लोग सेंसरशिप न होने का फायदा उठाते हैं।
महेश मांजेरकर का यह भी कहना है कि ओटीटी प्लोटफॉर्म के कारण देश के सिनेमाघरों को असुरक्षित नहीं महसूस करना चाहिए क्योंकि यह दोनों ही एक साथ अस्तित्व में रह सकते हैं। उन्होंने कहा, सिनेमाघरों की जगह कोई नहीं ले सकता। जैसी बहस आज ओटीटी को लेकर हो रही है, वैसी ही पहले टेलीविजन को लेकर हुई थी। मुझे नहीं लगता कि ओटीटी के कारण सिनेमाघरों को नुकसान हो रहा है।
अपनी सीरीज को लेकर उन्होंने कहा, हमने 1962 के युद्ध पर बनी इस सीरीज में युद्ध से ज्यादा फोकस सैनिकों के मानवीय पक्ष पर किया है। कई बार हमें लगता है कि सैनिकों में भावनाएं नहीं होती हैं लेकिन वे भी हमारी तरह होते हैं और वे भी अपने परिवार को बहुत चाहते हैं। बस हममें और उनमें एक ही चीज का फर्क होता है कि उनमें हमारी रक्षा करते हुए मरने की हिम्मत होती है। हमने लड़ाई लड़ने वाले सैनिकों के इसी भावनात्मक पहलू को दिखाने की कोशिश की है।
इस वेब सीरीज में अभय देओल, आकाश ठोसर, सुमीत व्यास, रोहन गंडोत्रा, अनूप सोनी, मीयांग चांग, माही गिल, रोशेल राव और हेमल इंगल आदि हैं। सीरीज 26 फरवरी से डिज्नी प्लस हॉटस्टार वीआईपी और डिज्नी प्लस हॉटस्टार प्रीमियम पर स्ट्रीम होगी।