साउथ के दो सुपरस्टार की फिल्म 'विजय' (Vijay The Master) 13 जनवरी को रिलीज हुई। इस मूवी में थलपति विजय (Thalapathy Vijay) और विजय सेतुपती (Vijay Sethupathi) हैं। फिल्म को लोकेश कनगराज (Lokesh Kanagaraj) ने डायरेक्ट किया है। इसे कई भाषाओं में डब किया है और दक्षिण भारत में इस फिल्म की ओपनिंग ने बॉक्स ऑफिस पर तूफान मचा दिया है।
फिल्म की इस रिकॉर्ड तोड़ ओपनिंग ने इस धारणा को ध्वस्त कर दिया है कि दर्शक कोरोना से डरे हुए हैं और फिल्म देखने सिनेमाघर नहीं आना चाहते। यदि बड़े सितारे की ऐसी फिल्म रिलीज हो जिससे दर्शकों को मनोरंजन हो तो वे फिल्म देखने सिनेमाघर जरूर आएंगे। यदि ऐसी फिल्में रिलीज होती हैं जिनमें किसी की रूचि न हो तो भला कौन आएगा? इसके आधार पर यह निष्कर्ष निकालना कि कोरोना के कारण दर्शक डरे हुए हैं, गलत है।
मास्टर की एडवांस बुकिंग ही जबरदस्त थी। टिकट पाने के लिए लंबी लाइन लगी थी। इसे देख दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग के चेहरे पर मुस्कान है। यदि बड़े स्टार्स की फिल्म रिलीज की जाए तो एक बार फिर दर्शक सिनेमाघरों में फिल्म देखने के लिए लौट सकते हैं और सारे भ्रम टूट सकते हैं, जैसे दर्शक डर रहे हैं, अब सिनेमाघर में कौन फिल्म देखेगा, वगैरह-वगैरह।
उधर बॉलीवुड का आलम अलग है। लॉकडाउन के बाद सिनेमाघर खुल गए हैं, लेकिन बड़ी फिल्मों के निर्माता अपनी फिल्मों को रिलीज करने से कतरा रहे हैं। 50 प्रतिशत कैपिसिटी के साथ सिनेमाघर खोलने की इजाजत दी गई है, इसलिए कोई जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं है। अभी शंका हो रही है कि कोरोना का भय अभी भी लोगों के मन में है और कौन भला ऐसे दौर में फिल्म देखने के लिए आएगा।
सिनेमाघर मालिक बॉलीवुड स्टार्स से अपील कर रहे हैं कि फिल्में रिलीज कर देखा जाए कि दर्शक आते हैं या नहीं, लेकिन किसी ने भी इस पहल पर ध्यान नहीं दिया। बॉलीवुड स्टार्स को भी दक्षिण भारतीय फिल्म स्टार्स से सीखना होगी वरना ऐसा चलता रहा तो कोई उन्हें नहीं पूछेगा। शायद इससे हिंदी फिल्म वाले भी सबक सीखें और किसी बड़े सितारे की फिल्म जल्दी ही रिलीज हो।